भोपाल। खेतीबाड़ी में बहुतायत में उपयोग होने वाले रसायनिक खाद पर केंद्र सरकार हर साल एक बड़ी रकम सब्सिडी पर खर्च करती है। बीते वर्ष यह रकम तकरीबन 1.62 लाख करोड़ रु थी जो अब वर्ष 2022-23 में बढ़कर 2.25 लाख करोड़ रु होने की संभावना है।
ऐसे में केंद्र सरकार अब कृषि के क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन करने जा रही है। दरअसल सरकार केमिकल फर्टिलाइजर्स इस्तेमाल को कम करने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है। इस योजना का नाम है पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशन फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट यानी प्रणाम योजना।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार इस योजना का उद्देश्य धीरे धीरे रसायनिक खाद के चलन में कमी लाना होगा। इसके तहत जमीनी स्तर पर काफी बारीकी से काम किया जाएगा और किसानों को रसायनिक खाद के अच्छे वैकल्पिक साधनों के बारे में जागरूक किया जायेगा।
कोई अलग बजट नहीं होगा और इससे खाद विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत ही मौजूदा फ़र्टिलाइज़र रसिया की सब्सिडी से पैसा दिया जाएगा। इस योजना के तहत 50% की सब्सिडी बचत को राज्य सरकारों को अनुदान के रूप में दिया जाएगा। इस अनुदान का 70% वैकल्पिक और वर्गों की तकनीक अपनाने और संबंधित विकास के लिए खर्च होगा। शेष 30 प्रतिशत का उपयोग किसानों, पंचायतों, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठनों आदि को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा।