इंदौर। नगरीय निकाय चुनाव अब कभी भी तय हो सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोज ने इसके साफ संकेत दे दिये हैं। निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे अब चुनावी मोड में आ जाएं और निर्वाचन प्रक्रिया की तैयारियां पूरी कर लें क्योंकि यदि छोटी सी गलती भी पाई जाती है, तो माफ़ी नहीं मिलेगी। आयोग की तैयारी प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की की है।
हालांकि यह स्पष्ट कर दिया गया है कि 10वीं और 12वीं की परिक्षाओं के दौरान चुनाव नहीं होंगे। ये परिक्षाएं 20 अप्रैल से 18 मई तक होंगे। ऐसे में साफ है कि या तो चुनाव अप्रैल के शुरुआती पख़वाड़े में होंगे या फिर मई में परिक्षाएं खत्म होने के बाद।
शनिवार को आयुक्त बीपी सिंह सभी जिला जिला निर्वाचन अधकारियों (कलेक्टरों) के साथ वीडियो कान्फेंसिंग के ज़रिये समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि रिटर्निंग अफसर की नियुक्ति, नाम-निर्देशन पत्र प्राप्त करने के लिए स्थान का चयन, आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार CCTV और वीडियो कैमरे की व्यवस्था, मतदान के गठन के लिए साॅफ्टवेयर में एंट्री और जिला स्तर पर खरीदी जाने वाली सामग्री की व्यवस्था तुरंत की जाए।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से स्पष्ट कहा है कि निर्वाचन के संबंध प्राप्त होने वाली शिकायतों का निराकरण चौबीस घंटे में होना चाहिये और इसकी जानकारी आयोग को भी मिलनी चाहिये। इसके लिए सभी जिलों में अलग सेल की स्थापना की जाए और और जांच दल तैयार किये जाएं। इसके अलावा अधिकारियों से कहा गया है कि प्रशिक्षण के लिए 150% और मतदान दल के लिए रिजर्व सहित 120% अधिकारियों-कर्मचारियों की व्यवस्था करें।
चुनावों के दौरान कोरोना को लेकर भी खास सतर्कता बरतनी होगी। आयुक्त ने कहा है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन हर हाल में होना चाहिये। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री मध्यप्रदेश हेल्थ कॉर्पोरेशन द्वारा सीधे जिलों को दी जाएगी। कलेक्टर और उप जिला निर्वाचन अधिकारी सोशल मीडिया ग्रुप पर पोस्ट किए जा रहे संदेशों को अनिवार्य रुप से देखने की हिदायत दी गई है।