इस बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के अपनी पार्टी के नेता अलताफ़ बुखारी ने कहा कि,
“पूरी बातचीत अच्छे माहौल में हुई। पीएम मोदी ने सभी जम्मू-कश्मीर के नेताओं के मुद्दों को सुना। पीएम ने कहा कि परिसीमन का काम पूरा होने के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पीएम ने सभी दलों को परिसीमन की प्रक्रिया में शामिल होने को कहा। हमें ये भरोसा दिलाया गया है कि ये चुनाव का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। पीएम ने ये भी कहा कि पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।”
एक मुलाकात काफ़ी नहीं…
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी बैठक में मौजूद रहे। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि, पीएम मोदी और अमित शाह चाहते हैं कि परिसीमन और जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं। उन्होंने माना कि एक चुनी हुई सरकार वहां के फैसले ले लेकिन हमने कहा कि पहले राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए और उसके बाद ही चुनाव होने चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि एक मुलाकात से न तो दिल की दूरी दूर होती है और न ही दिल्ली की दूरी। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, कश्मीर में परिसीमन की जरूरत नहीं है। अबदुल्ला ने कहा कि…
“हमने बैठक में कहा कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा 370 को खत्म करने के फैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे। हम अदालत के जरिए 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लडेंगे. लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्जा दिया जाए।”
बैठक के बाद पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने को लेकर नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि लोग इससे नाराज़ हैं और उनकी पार्टी धारा 370 बहाल करेगी। मुफ्ती के मुताबिक उन्होंने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा है कि अगर आपको धारा 370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर इसे हटाना चाहिए था, इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था.“