जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की अपील
पीएम मोदी ने कहा कि जल संरक्षण सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज का दायित्व है। उन्होंने बताया कि देशभर में कृत्रिम तालाब, चेक डैम, बोरवेल रिचार्ज और सामुदायिक सॉक पिट बनाए जा रहे हैं, जिससे पानी की उपलब्धता को बढ़ाया जा सके।
उन्होंने यह भी साझा किया कि पिछले 7-8 वर्षों में 11 अरब क्यूबिक मीटर पानी संरक्षित किया गया है, जो भाखड़ा नांगल डैम द्वारा बनाए गए गोविंद सागर झील के जल संग्रहण से भी अधिक है।
उन्होंने कहा, “अगर हम वर्षा की हर बूंद बचाएं, तो पानी की भारी बचत हो सकती है।”
गडग जिले के ग्रामीणों का प्रेरणादायक उदाहरण
पीएम मोदी ने कर्नाटक के गडग जिले के ग्रामीणों की सराहना की, जिन्होंने दो सूख चुकी झीलों को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई।
“एक समय ऐसा भी आया जब जानवरों के लिए भी पानी नहीं बचा था, लेकिन स्थानीय लोगों ने खुद ही सफाई शुरू कर दी, जिससे यह एक सामुदायिक अभियान बन गया। अब वे बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं,” पीएम मोदी ने कहा।
खेलो इंडिया पैरा गेम्स में खिलाड़ियों की उपलब्धियां
पीएम मोदी ने हाल ही में खेलो इंडिया पैरा गेम्स में खिलाड़ियों की शानदार प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में रिकॉर्ड संख्या में एथलीटों ने भाग लिया और 18 राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए, जिनमें से 12 महिला खिलाड़ियों के नाम रहे।
उन्होंने कहा कि महिला एथलीटों की सफलता देश के लिए गर्व की बात है और युवाओं को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।
कपड़ा अपशिष्ट (टेक्सटाइल वेस्ट) की समस्या और समाधान
पीएम मोदी ने भारत में बढ़ते कपड़ा अपशिष्ट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कपड़ा कचरा उत्पादक देश है और इस चुनौती से निपटने के लिए पानीपत, बेंगलुरु और तिरुपुर जैसे शहरों में स्टार्टअप्स कपड़ा पुनर्चक्रण (टेक्सटाइल रिसाइक्लिंग) की नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं।
“हमें अपने वस्त्रों के उपयोग और पुनर्चक्रण को लेकर अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। हमारे स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में शानदार काम कर रहे हैं, जिन्हें हमें समर्थन देना चाहिए,” पीएम मोदी ने कहा।
सामुदायिक प्रयासों से जल संकट से निपटा जा सकता है
पीएम मोदी ने कहा कि ‘कैच द रेन’ अभियान 2020 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य राज्यों और स्थानीय समुदायों को वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) में सक्रिय करना है।
उन्होंने सभी नागरिकों से जल संरक्षण के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास करने और इस अभियान को सफल बनाने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम में जल संरक्षण, खेल और टेक्सटाइल रिसाइक्लिंग पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं और ‘कैच द रेन’ अभियान को सफल बनाकर हम भविष्य की जल समस्या को हल कर सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने खिलाड़ियों और कपड़ा पुनर्चक्रण उद्योग में नवाचार करने वाले स्टार्टअप्स की सराहना भी की।