धार जिले के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने के प्रस्ताव के खिलाफ हुए उग्र विरोध के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अदालत के आदेश आने तक कचरा नहीं जलाया जाएगा। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता है।
शुक्रवार को पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया में 337 टन जहरीले कचरे के निपटान को लेकर बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे पर चक्काजाम किया और पुलिस पर पथराव भी हुआ। तनावपूर्ण स्थिति में कुछ लोगों ने आत्मदाह की कोशिश की, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सरकार की बैठक और मुख्यमंत्री का बयान
विरोध के बाद मुख्यमंत्री ने देर रात एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इसमें डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, चीफ सेक्रेटरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “हम जनता की भावनाओं का पूरा सम्मान करते हैं। इस मुद्दे को अदालत के सामने रखा जाएगा और आदेश का पालन किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि भ्रम और अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए। “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी कदम जनता के हितों के खिलाफ न हो।”
भोपाल गैस त्रासदी की छाया और कचरे का निपटान
भोपाल गैस त्रासदी के बाद फैक्ट्री में पड़ा यह कचरा अब तक पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है। हाई कोर्ट ने हाल ही में सरकार को फटकार लगाते हुए इस कचरे के निपटान के लिए 4 सप्ताह की समय सीमा दी थी। सरकार ने अदालत के निर्देश पर इसे पीथमपुर भेजा था, लेकिन यहां के लोगों ने इसे जलाने के विरोध में आवाज उठाई।
विरोध की मुख्य वजह
स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि कचरा जलाने से गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी खतरे हो सकते हैं। उनका मानना है कि इससे हवा और पानी प्रदूषित होंगे, जो इलाके के निवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि पीथमपुर में मध्य प्रदेश का एकमात्र अत्याधुनिक वेस्ट डिस्पोजल प्लांट है। कचरे को यहां विशेष वैज्ञानिक तकनीकों से जलाने की योजना बनाई गई थी।
स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सतर्कता बरकरार
विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने पांच एफआईआर दर्ज की हैं। धार के एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह से पीथमपुर में स्थिति सामान्य हो गई है। फैक्ट्रियां चालू हैं और जनजीवन पटरी पर लौट रहा है।
प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी नजर रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। इसके साथ ही सरकार ने संकेत दिया है कि आगे की कोई भी कार्रवाई जनता की सहमति और न्यायालय के निर्देशों के आधार पर ही होगी।