इंदौर। केंद्र सरकार द्वारा क्रिप्टो करंसी को जुए या सट्टे की श्रेणी में रखने के बाद बहुत से लोग नाराज़ थे। ये लोग क्रिकेट में इन दिनों प्रचलित हो रहीं बेटिंग यानी जुए की तरह संचालित होने वाली ऐप पर भी सरकार का ध्यान खींच रहे थे। इस बीच IPL भी जारी है और इस रोमांच के बीच इंदौर हाईकोर्ट में एक दिलचस्प याचिका दायर की गई है।
इंदौर हाईकोर्ट के वकील विनोद द्विवेदी ने अपनी इस याचिका में कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी, शाहरुख खान, विराट कोहली और रोहित शर्मा पर लोगों को जुआ खेलने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि ये लोग देश के युवाओं को जुए और सट्टे की गंदगी में धकेल रहे हैं।
द्विवेदी के मुताबिक फिल्म अभिनेता शाहरुख खान, क्रिकेटर्स महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा और दो अन्य सेलेब्रिटी युवाओं को ऑनलाइन जुआ खेलने के लिए प्रेरित करते हैं। इसे लेकर उन्होंने पक्षकारों को न्यायिक नोटिस भी भिजवाया लेकिन किसी ने अबतक इस बारे में जवाब नहीं दिया है। द्विवेदी ने बताया कि कई राज्यों में ऐसे सर्विसेज को प्रतिबंधित कर दिया गया है लेकिन मध्य प्रदेश में यह पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं है।
इस याचिका को लेकर सोमवार को पहली सुनवाई भी हो गई है। दो जजों की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से सवाल किया कि यदि वे प्रतिबंध के लिए कह रहे हैं तो इस याचिका में राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए था जो कि नहीं हुआ।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने कोर्ट से याचिका में संशोधन के लिए मोहलत मांगी है। जिसके बाद सुनवाई की अगली तारीख़ 10 मई दी गई है। ऐसे में अब तय है कि फिल्म अभिनेताओं और क्रिकेटरों के इन नामों के साथ अब राज्य सरकार को भी पार्टी बनाया जाएगा और राज्य सरकार को यह जवाब भी देना होगा कि इस जुए और सट्टे की प्रकृति के इस वित्तीय लेनदेन को उन्होंने अब तक प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है।
द्विवेदी ने बताया कि ये सेलिब्रिटी विज्ञापनों के जरिए युवाओं को बताते हैं कि आईपीएल मैचों पर ऑनलाइन सट्टा लगाना उनके लिए त्वरित कमाई का साधन बन सकता है। द्विवेदी का मानना है कि युवा इन सेलिब्रिटीज को अपना आदर्श मानते हैं और उनके ही जैसा बनना चाहते हैं। जब युवा इन्हें किसी भी चीज का प्रचार करते देखते हैं तो स्वयं भी उसका उपयोग करने के लिए प्रेरित होते हैं
ऑनलाइन गेम, सट्टा व जुआ की वजह से पिछले कुछ सालों में राज्य में कई आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। जब युवा सट्टा लगा कर हार जाते हैं और उधार चुकाने के पैसे नहीं होते तो शर्मिंदगी के कारण वे आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। द्विवेदी ने न्यायालय से मांग की है कि इन मोबाइल एप्लिकेशन पर त्वरित रोक लगाई जाए।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले दिनों क्रिप्टोकरंसी को भी जुए और सट्टे की श्रेणी में रखकर इस पर फ्लैट तीस प्रतिशत टैक्स लागू किया था। तकनीक पर काम करने वाली क्रिप्टोकरंसी को इस तरह के निर्णय से दुनियाभर की क्रिप्टो निवेशक बिरादरी ने भारतीय वित्त मंत्रालय की निंदा की थी। ऐसे में क्रिकेट बेटिंग एप्स पर भी सवाल उठ ही रहे थे और अब यह मुद्दा भी अदालतों के सामने खुलकर आ गया है।