नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर करने और बढ़ावा देने के लिए पूरा जोर लगा रही है। शहरों में तो अब अच्छी कनेक्टिविटी मिलनी शुरू हो गई है। लेकिन, कई गांव अब भी फास्ट इंटरनेट की दिक्कत से जूझ रहे हैं।
इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने ग्रामीण इलाकों में सस्ती दरों पर 5 लाख से ज्यादा ब्रॉडबैंड कनेक्शन देने की तैयारी कर रही है।
ग्रामीण इलाकों में सस्ती दरों पर ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगाने की शुरुआत इसी महीने से होगी। ग्रामीण इलाकों में सस्ते ब्रॉडबैंड कनेक्शन के साथ मुफ्त मॉडम भी दिया जाएगा। मार्च के दूसरे सप्ताह से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत की जाएगी।
इसके लिए केंद्र सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के साथ 250 करोड़ रुपये का करार किया है। बीएसएनएल 250 करोड़ रुपये की इस राशि का उपयोग उपभोक्ताओं को मुफ्त में मॉडम उपलब्ध कराने में करेगी।
अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य –
इंटरनेट और संचार तंत्र से देश के ग्रामीण इलाकों को भी पूरी तरह से जोड़ने के लिए भारत नेट योजना के तहत केंद्र सरकार ने 5 लाख से ज्यादा फाइबर टू द होम कनेक्शन की योजना को अंतिम रूप दे दिया है।
इस योजना के तहत सरकार द्वारा इस साल 31 अक्टूबर तक देश के ग्रामीण इलाकों में 5 लाख कनेक्शन लगा देने का लक्ष्य तय किया गया है। आपको बता दें कि भारत नेट योजना के तहत अब तक देश के दो लाख से ज्यादा गांव फाइबर कनेक्शन से जोड़े जा चुके हैं।
2.52 लाख ग्राम पंचायत ब्रॉडबैंड से जुड़ेंगी –
बताया जा रहा है कि भारत नेट परियोजना के तहत सरकार ने 2.52 लाख ग्राम पंचायतों को फास्ट स्पीड ब्रॉडबैंड सर्विस से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिहाज से भारत नेट परियोजना विश्व की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड परियोजना मानी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2011 में इस परियोजना को नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN) के नाम से लांच किया गया था, लेकिन साल 2015 में केंद्र सरकार ने इस परियोजना का नाम बदलकर भारत नेट प्रोजेक्ट कर दिया था।
मेक इन इंडिया से डिजिटल इंडिया को मिलेगा बढ़ावा –
भारतनेट प्रोजेक्ट को दुनियाभर में सबसे बड़ा ब्रॉडबैंड प्रोग्राम है जो गांवों तक फास्ट इंटरनेट पहुंचाएगा। यह पूरी मेक इन इंडिया प्रोग्राम है जिसमें विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी नहीं है।
भारतनेट प्रोजेक्ट के जरिए सरकार ‘डिजिटल इंडिया’ पहल को बढ़ावा दे रही है क्योंकि इससे गांव-गांव तक इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इस परियोजना को तीन चरणों में पूरा करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। पहले चरण की शुरुआत 2017 में हुई थी। इसे इस साल यानी 2023 में पूरा करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।