नई दिल्ली। हाल के कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे ने कई क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे ने यात्री और माल परिवहन संचालन में सम्पूर्ण भारतीय रेलवे में अपनी अलग पहचान बनाई है और नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है।
इसी क्रम में माल लदान में किए गये अभिनव प्रयासों से उत्तर पश्चिम रेलवे ने इतिहास रचते हुए पहली बार इस वर्ष 32.69 मिलियन टन के आंकड़े को पार किया है। उत्तर पश्चिम रेलवे इस वर्ष 96.83 प्रतिशत समय पालन को प्राप्त कर सम्पूर्ण भारतीय रेलवे में लगातार 4 वर्षों से पहले स्थान पर कायम है।
अब तक का सर्वाधिक माल लदान –
इसके साथ ही उत्तर पश्चिम रेलवे ने माल लदान में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए इस वर्ष 32.69 मिलियन टन का माल लदान किया है। यह उत्तर पश्चिम रेलवे के गठन से अब तक का सर्वाधिक माल लदान है।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर निरन्तरता के साथ माल लदान में अभिनव प्रयोग किये जा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप इंडस्ट्रियल वाटर, पुट्टी, प्याज, किन्नू एवं चाईना क्ले आदि नई कमोडिटीज का लदान प्रारम्भ किया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर मुख्यालय एवं मंडलों में गठित बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट के अभिनव प्रयासों से भी माल लदान को बढ़ावा मिल रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे संचालन और समय पालन में प्रथम –
बता दें कि उत्तर पश्चिम रेलवे यात्री ट्रेनों के संचालन एवं समय पालन पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। आज उत्तर पश्चिम रेलवे 96.88 प्रतिशत के समय पालन को प्राप्त कर सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर प्रथम स्थान पर कायम है।
यह कामयाबी उत्तर पश्चिम रेलवे ने स्थाई गति प्रतिबंधों को समाप्त कर और नियमित मॉनिटरिंग कर प्राप्त की है। उल्लेखनीय है कि उत्तर पश्चिम रेलवे लगातार 4 वर्षों से सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर समय पालन में प्रथम स्थान पर है।
माल ढुलाई को बेहतर बनाने के लिए भारतीय रेलवे प्रतिबद्ध –
भारतीय रेलवे न केवल पारंपरिक खंडों से, बल्कि नए ग्राहकों को भी अपनी ओर आकर्षित करने और माल ढुलाई को विस्तार देने के लिए “Freight on Priority” नीति अपना रही है जिसके लिए रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे और डिवीजनल स्तरों पर व्यावसायिक विकास इकाइयां (बीडीयू) स्थापित की हैं।
बीडीयू की बहु-अनुशासनात्मक टीमें दमदार लागत, गुणवत्ता और टिकाऊपन के साथ माल ढुलाई, भंडारण और सामान प्रदान कर नए व्यवसाय को आकर्षित करने ग्राहकों तक पहुंच रही हैं।
इसके साथ ही रेलवे ने ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए बड़ी संख्या में माल भाड़ा प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की हैं और गैर-टैरिफ उदारीकरण के उपाय किए गए हैं।
हाल ही में रेलवे ने पथ प्रदर्शक “प्रीमियम इंडेंटिंग” योजना के साथ-साथ उन ग्राहकों के लिए एक रास्ता शुरू किया, जो अपनी डिलीवरी को प्राथमिकता देना चाहते हैं।