धार। जिले के भारूड़पुरा घाट स्थित ग्राम कोटिदा में कारम नदी पर बन रहे बांध में लीकेज और मिट्टी धंसने के बाद राहत और बचाव कार्य पर जारी है। इसके तहत बांध को धंसने से बचाने के लिए पहले पानी को खाली करने के लिए कोशिश की जा रही है।
इसके लिए पांच पोकलेन उतारी गई है, जिससे बांध के नज़दीक एक रास्ता बनाया जा रहा है, ताकि पानी आसानी से निकल जाए और बांध खाली हो जाए। बांध का जलस्तर कम होने पर ही बांध की मरम्मत का काम संभव हो जाएगा। इधर ग्रामीणें के कुछ वीडियो सामने आए है, जिसमें कहा जा रहा है कि डेम निर्माण में की गई अनियमितता व लापरवाही को लेकर धार से लेकर भोपाल तक शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। नतीजतन आज 15 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
इधर कारम डेम लीकेज की जानकारी मिलने के बाद पूरा प्रशासन मौके पर मौजूद है। दूसरी तरफ विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट शुक्रवार को डेम पहुंचे और निरीक्षण किया है। इस दौरान डेम मरम्मत का काम युद्धस्तर पर करवाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव भी मौके पर मौजूद थे।
ग्रामीण ने लगाए गंभीर आरोप
इस गेम को लेकर कई बार सरकारी अधिकारियों से भी शिकायत की गई लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसके बारे में शिकायती वीडियो भी जारी किए गए लेकिन इसके बावजूद भी जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया।
लोकेश सोलंकी नाम के एक व्यक्ति द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में वह कह रहे हैं कि धार कलेक्टर से लेकर भोपाल में जिम्मेदार अधिकारियों तक इसकी शिकायत की गई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। निर्माण के वक्त मिट्टी के साथ ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े-बड़े पत्थर तक डाले गए। इसके फोटो-वीडियो के साथ शिकायत की गई लेकिन कोई झांकने तक नहीं आया। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की जो वर्तमान में एल 4 पर लंबित है। ठेकेदार और विभाग की लापरवाही का खामियाजा आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
कलेक्टर पंकज जैन जी फिलहाल किसी कार्रवाई की सीधी जिम्मेदारी लेने से कतरा रहे हैं उन्होंने कहा कि फिलहाल ध्यान केवल बचाव कार्यों पर दिया जा रहा है।
अब तक कार्रवाई नहीं… कारम डेम लीकेज मामले में अब तक कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। निर्माण की मॉनीटरिंग की जिन अफसरों पर जिम्मेदारियां थी, उनकी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की मांग हो रही है। इस लीकेज ने सरकार की पूरे प्रदेश में किरकिरी करवाई है। लीकेज की जानकारी मिलने को १४ घंटे बीत चुके है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट. इधर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कारम नदी डेम के लीकेज पर सवाल उठाते हुए सरकार का खिंचाई की है।
वाहनों की आवाजाही रूकवाई… एहतियात के तौर पर राऊ-खलघाट नेशनल हाइवे और नागदा-गुजरी स्टेट हाइवे से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। बांध फूटने जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियातन वाहनों को रोका गया है। साथ ही धार-खरगोन में राहत-बचाव की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।
बड़ी संख्या में प्रशासन और मैदानी अमले को लोगों को निकालने में लगाया है। घरों पर ताला लगाकर लोगों को पहाड़ी पर जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि जनहानि से बचा जा सके।
ख़ास बातें…
- 304.44 करोड़ में बन रहा है बांध।
- 40.53 एमसीएम है बांध की जल संग्रहण क्षमता।
- 342.50 वर्ग किमी का कैचमेंट एरिया।
- 585 मीटर लंबा व 52 मीटर ऊंचा है बांध।
- 5 रेडियल गेट लगेंगे बांध में।
- 295 मीटर वर्तमान जलस्तर।
जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई! भारूड़पुरा-गोठड़ा बांध मामले में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि इस मामले में पूरी जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा कि निर्माण के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।