जूट पर 300 रुपये बढ़ाया MSP, 40 लाख किसानों को मिलेगा फायदा


2023-24 सीजन के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 300 रुपये बढ़ाकर 5050 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।


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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए जूट की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में कच्चे जूट की MSP को मंजूरी दे दी है।

2023-24 सीजन के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 300 रुपये बढ़ाकर 5050 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

2023-24 सीज़न के लिए कच्चे जूट का घोषित MSP, उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर MSP तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है, जिसे सरकार द्वारा 2018-19 के बजट में घोषित किया गया था।

इसके अलावा कच्चे जूट के MSP में बढ़ोतरी से 63.20% का रिटर्न सुनिश्चित होगा जिससे करीब 40 लाख किसानों और जूट उद्योग से जुड़े 4 लाख कामगारों को इसका लाभ मिलेगा।

भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में जूट उद्योग महत्वपूर्ण –

भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में जूट उद्योग का महत्वपूर्ण स्थान है, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में जहां लगभग 75 जूट मिलें संचालित हैं और लाखों श्रमिकों को आजीविका प्रदान करती हैं।

इस फैसले के बाद जूट क्षेत्र से जुड़े 40 लाख किसान परिवारों को इससे सहायता मिलेगी और वह आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। इस निर्णय से बिहार, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, मेघालय, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जूट क्षेत्र को भी सहायता मिलेगी।

भारत में जूट उत्पादन –

भारत जूट का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और उसके बाद बांग्लादेश और चीन का स्थान आता है। हालांकि क्षेत्र और व्यापार के मामले में बांग्लादेश भारत के 7% की तुलना में वैश्विक जूट निर्यात के तीन-चौथाई भाग का प्रतिनिधित्व करता है।

भारत 97 से अधिक देशों में जूट और जूट से बने उत्पादों का निर्यात किया जाता है। आज दुनिया भर में प्लास्टिक बैग पर बैन लगने के बाद भारतीय जूट की मांग अधिक बढ़ गई है।


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