– पिछली बार 5 जून 2019 को एक माह के लिए बैन हटा था, तब आए थे 70 हजार आवेदन।
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रही शिवराज सरकार की कैबिनेट बैठक में मंगलवार को कई अहम फैसले लिए गए। इस कैबिनेट बैठक में राज्य के सरकारी कर्मचारियों पर बड़ा फैसला करते हुए उनकी ट्रांसफर और पोस्टिंग पर लगा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया गया है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को कहा कि एक से 30 अप्रैल तक ट्रांसफर हो सकेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग मार्च माह तक इसकी पॉलिसी लागू कर देगी।
कैबिनेट के फैसलों के बारे में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
गृह मंत्री @drnarottammisra कैबिनेट बैठक में हुए अहम निर्णयों की जानकारी दे रहे हैं। https://t.co/YcHiRqAK7F
— Jansampark MP (@JansamparkMP) January 19, 2021
इसके साथ ही 20 जनवरी को प्रदेश के विभिन्न जिलों में रोजगार मेले लगाए जाने की बात भी कही गई है। साथ ही साथ मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से अपने-अपने विभाग से संबंधित एक-एक इनोवेटिव आइडिया देने को कहा है, जिन्हें विचार-विमर्श कर लागू करने का निर्णय लिया जा सके।
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल में पहली बार ट्रांसफर से बैन हटाया जा रहा है। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने 5 जून से 5 जुलाई तक एक माह के लिए ट्रांसफर से बैन हटाने के लिए पॉलिसी लागू की थी।
इसके बाद से 2 साल तक ट्रांसफर हुए, लेकिन इसके लिए प्रस्ताव विभाग की तरफ से सीएमओ में समन्वय के लिए भेजा जाता था। इस दौरान मंत्रियों को भी ट्रांसफर करने के अधिकार नहीं रहते हैं। लेकिन, बैन हटने के दौरान ट्रांसफर के लिए राज्य शासन पॉलिसी लागू करता है।
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सूत्रों के मुताबिक इस बार तहसील, जिला व राज्य स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर ही किए जाएंगे। वहीं, प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन और जिले के भीतर के तबादले प्रभारी मंत्री व कलेक्टर आपसी समन्वय से करेंगे।
5 जून को जब ट्रांसफर से बैन हटा था, तब 70 हजार से ज्यादा आवेदन विभिन्न विभागों और जिला प्रशासन के पास आए थे। इसमें से सबसे अधिक स्कूल शिक्षा में 50 हजार और 15 हजार आवेदन आदिम जाति विभाग में पहुंचे थे।
इस सरकार में भी मंत्रियों व विधायकों के पास ट्रांसफर के सैंकड़ों आवेदन पड़े है। इतना ही नहीं चूंकि ट्रांसफर पर बैन लगने के कारण मंत्रियों की सिफारिश के पत्र व नोटशीट मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंच रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर से बैन हटाने का ऐलान किया है।