महिला आरक्षक को लिंग परिवर्तन की अनुमति, बचपन से ही जेंडर आइडेंटटी डिसआर्डर से परेशान


मप्र शासन द्वारा आज 1 दिसंबर 2021 को पुलिस मुख्यालय को अनुमति सम्बंधी आदेश जारी किए


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बड़ी बात Published On :

भोपाल। प्रदेश में पहली बार राज्य शासन ने लिंग परिवर्तन की अनुमति दी है। पुलिस महानिदेशक ने एक महिला आरक्षक को लिंग परिवर्तन की अनुमति प्रदान की। राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सक़ों द्वारा महिला आरक्षक को बचपन से जेंडर आइडेंटटी डिसआर्डर की पुष्टि के बाद गृह विभाग ने यह अनुमति दी है। महिला आरक्षक जिला पुलिस में कार्यरत है और गृह विभाग, मप्र शासन द्वारा आज 1 दिसंबर 2021 को पुलिस मुख्यालय को अनुमति सम्बंधी आदेश जारी किए।

अब तक महिला आरक्षक द्वारा पुरुषों की भांति समस्त पुलिस कार्य जिले में किया जाता रहा है तथा उनके द्वारा विधिवत आवेदन, शपथ पत्र, और भारत सरकार के राजपत्र में 2019 में महिला से जेंडर परिवर्तन की मंशा की अधिसूचना प्रकाशित कराने उपरांत आवेदन पुलिस मुख्यालय को प्रेषित किया।

इस मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा गृह विभाग से अनुमति हेतु मार्गदर्शन चाहा गया था। किसी भी भारतीय नागरिक को उसके धर्म या जाति पर ध्यान दिए बिना अपने स्वयं के जेंडर के चुनाव की स्वतंत्रता के स्थापित विधिक सिद्धांत के तारतम्य मे विधि विभाग से विधिक परामर्श के उपरांत गृह विभाग द्वारा महिला आरक्षक को लिंग परिवर्तन की अनुमति के आदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदान किए गए।

गौरतलब है कि पांच साल पहले 29 वर्षीय महिला कांस्टेबल ललिता साल्वे ने लिंग परिवर्तन की अनुमति मांगी थी। वह देश का पहला केस था। तमाम कानूनी अड़चनों को दूर करने के बाद ललिता साल्वे से ललित साल्वे बन गई थी। इस कानूनी प्रक्रिया में उसे दो-तीन साल लग गए थे।

 

खबर जोश-होश मीडिया से ली गई है। 


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