भोपाल। अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों की चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि चुनाव प्रक्रिया तो जारी रहेगी लेकिन रिजल्ट्स की घोषणा पर रोक रहेगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान छह जनवरी और दूसरे चरण के लिए 28 जनवरी को होगा। मतगणना भी निर्धारित तिथि को होगी लेकिन रिजल्ट्स की घोषणा नहीं की जाएगी।
निर्विरोध चुने जाने के बावजूद भी निर्वाचित अभ्यर्थी के निर्वाचन की न तो घोषणा की जाएगी और न ही प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में यह निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए हैं।
बुधवार को आयोग के सचिव बीएस जामोद ने निर्देश दिए कि त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदों के लिए मतगणना के सारणीकरण तथा निर्वाचन परिणाम की घोषणा से जुड़ी कार्यवाही स्थगित रहेगी। इस संबंध में आयोग अलग से निर्देश जारी करेगा। पहले चरण में पंच और सरपंच के लिए छह जनवरी को मतदान के बाद मतगणना होगी।
दस जनवरी को जनपद और जिला पंचायत सदस्य के लिए विकासखंड मुख्यालय पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतों की गणना की जाएगी। इसी तरह दूसरे चरण में पंच और सरपंच पद के लिए 28 जनवरी और जनपद व जिला पंचायत सदस्य के लिए एक फरवरी को विकासखंड मुख्यालय पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से मतों की गणना की जाएगी।
मतगणना से संबंधित सभी अभिलेख अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ताओं की उपस्थिति में सील बंद करके सुरक्षित अभिरक्षा में रखे जाएंगे।
स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी के लिए रिजर्व सीट को सामान्य घोषित किया जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पंचायत चुनाव के परिणाम एक साथ घोषित किए जाएं।
कई पंचायतों में निर्विरोध चुनाव होने लगे थे। यही नहीं, पंच-सरपंच भी चुने जाने लगे थे। चूंकि कोर्ट का आदेश है कि सभी परिणाम एक साथ घोषित किए जाएं, इसलिए आयोग को इस तरह का आदेश निकालने की जरूरत पड़ी।
आयोग के इस आदेश पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि मतदान और मतगणना कराई जा रही है लेकिन परिणाम घोषित नहीं होंगे। ओबीसी के लिए आरक्षित पदों के लिए चुनाव नहीं होंगे। नए-नए आदेशों से पंचायत चुनाव को लेकर अनिश्चितता का माहौल बढ़ता जा रहा है। सरकार आखिर स्पष्ट क्यों नहीं कर रही है कि वह चाहती क्या है।
वहीं, राज्यसभा सांसद एवं कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने बताया कि सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी गई है। इसकी प्रति उन्हें बुधवार को देर शाम मिल गई है। तन्खा ने बताया कि इस याचिका में कांग्रेस भी शामिल है।