भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण के मामले में कांग्रेस के चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही कराए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। इसके लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। कांग्रेस के लोगों द्वारा जो रोटेशन के खिलाफ याचिका लगाई गई थी, उस पर ही ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने का निर्णय आया है। इसके लिए कांग्रेस ही पूरी तरह से जिम्मेदार है।
सीएम चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जा रही है। वे दो दिनों से लगातार प्रधानमंत्री, केंद्रीय विधि मंत्री व केंद्रीय गृह मंत्री के साथ संपर्क में रहकर इस विषय के निराकरण के लिए प्रयासरत थे।
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि हमारी सरकार ने सभी वर्गों के हितों के काम किए हैं। कांग्रेस के विद्वान अधिवक्ता उस समय न्यायालय में ही थे जब यह फैसला आ रहा था। तब उन्होंने यह क्यों नहीं कहा कि वह अपनी वाचिका वापस ले रहे हैं। उनकी मंशा यही थी कि कैसे भी चुनाव पर रोक लग जाए।
हम जो अध्यादेश लाए थे वह नियम कानूनों के तहत था। कांग्रेस में 27% आरक्षण देने का दिखावा किया था। उस वक्त लोकसभा के चुनाव थे लेकिन जब हाईकोर्ट में इस आरक्षण को चुनौती दी गई तब तत्कालीन महाधिवक्ता ने पैरवी नहीं की। कमजोर पक्ष रखे जाने की वजह से हाईकोर्ट ने उसे स्थगित कर दिया था।
मारी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण देने का काम किया है, जिन मामलों में हाईकोर्ट में याचिका लंबित है, उन्हें छोड़कर 27% का लाभ दिया जा रहा है। कई नियुक्तियों में आरक्षण का लाभ भी अभ्यर्थियों को मिल चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग की पीठ पर छुरा घोंपने का काम कांग्रेस ने किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता के साथ सबको मिले यह हमारा प्रयास है। पिछड़े वर्ग के कल्याण में कोई कसर न छोड़ी गई है ना छोड़ी जाएगी। विपक्ष साथ दे तो ठीक नहीं तो उसके बिना भी अपना अभियान जारी रखेंगे।