इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर और जबलपुर एयरपोर्ट का भी निजीकरण होने जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार इंदौर और जबलपुर समेत देश के 13 एयरपोर्ट के निजीकरण की योजना तैयार कर रही है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार 23 और सरकारी संपत्तियों को बेचने जा रही है।
इकॉनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने निजीकरण के अगले दौर के लिए देश के 13 एयरपोर्ट चिन्हित किए है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इस बार निजीकरण के लिए जो फॉर्मूला तय किया है इसके तहत निजीकरण के लिए दो-दो एयरपोर्ट के ग्रुप बनाए गए हैं।
इन ग्रुप में एक एयरपोर्ट ऐसा रखा गया है जो अभी फायदे में चल रहा है, तो दूसरा वह जो अभी घाटे में है। इस तरह एक फायदे वाले एयरपोर्ट के साथ एक घाटे वाले एयरपोर्ट को सरकार निजी कंपनियों को देगी। इनके लिए बिड अगले वित्तीय वर्ष में ओपन होगी।
केंद्र सरकार के इस फॉर्मूले के तहत मध्यप्रदेश के इंदौर और जबलपुर एयरपोर्ट का निजीकरण किया जाएगा। दोनों एयरपोर्ट एक ग्रुप में हैं। इंदौर एयरपोर्ट अभी फायदे में है जबकि जबलपुर एयरपोर्ट घाटे में चल रहा है।
इन सभी एयरपोर्ट के निजीकरण की शर्तें वहीं रहेंगी जिनके तहत 2019 में देश के छह एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपा गया था। बताया जा रहा है कि सरकार इन सभी 13 एयरपोर्ट को 50 सालों के लिए निजी हाथों में सौंपेगी।
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने अहमदाबाद, लखनऊ, मैंगलौर, जयपुर, गुवाहटी और तिरूअनंतपुरम एयरपोर्ट का निजीकरण किया था। इनके लिए अडानी समूह ने सबसे बड़ी बोली लगाई थी।
दूसरी ओर प्रदेश सरकार अपनी 23 और संपत्तियों को बेचने जा रही है। इससे पहले प्रदेश सरकार ने छह संपत्तियों को नीलाम किया था। इस नीलामी से सरकार को करीब 92 करोड़ मिले थे जबकि इनका ऑफसेट मूल्य 31 करोड़ रखा गया था।
अब सरकार ने बेचने के लिए जिन 23 संपत्तियों की लिस्टिंग की है उनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन की वह संपत्तियां हैं जिनका उपयोग नहीं हो रहा है। अभी इन संपत्तियों का वैल्यूएशन नहीं हुआ है। लोक संपत्ति विपणन विभाग इनकी जानकारी एकत्र कर रहा है।
(खबर जोशहोश.कॉम से साभार ली गई है)