मप्र सरकार ने पेश किया 3.60 लाख करोड़ रुपए का बजट, पुलिस और शिक्षा विभाग में 18 हजार नई नौकरियां भी मिलेंगी

सरकार ने घोषणा की है कि वह अब सभी व्यवसायिक परीक्षाओं की फीस खुद भरेगी हालांकि चुनाव के पहले किए गए कई वादे अब तक अधूरे हैं जिन पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सवाल किया है।

मध्यप्रदेश सरकार का पहला बजट बुधवार को पेश किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह भाजपा की सरकार का पहला पूर्ण बजट था। बजट की शुरूआत ही हंगामेदार विरोध से हुई जब विपक्ष ने नर्सिंग घोटाले पर मांग की चर्चा को लेकर हंगामा किया और मंत्री विश्वास सारंग को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि सारंग ने विधानसभा में बीते रोज गलत जानकारी दी है और इसी कारण वे कार्रवाई चाहते हैं। इस दौरान वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा हंगामे के बीच अपना बजट भाषण देते रहे। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर दोनों पक्षों को शांत कराते रहे।

प्रदेश सरकार का इस साल का बजट बीते साल की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक रहा और इस बार  3 लाख 65 हजार 67 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया। हालांकि इस बार कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है और भाजपा के वादे के अनुसार सराकर ने नौकरियों की घोषणा की और तय किया है कि सभी व्यवसायिक परीक्षाओं की फीस सरकार भरेगी।  हालांकि सरकार ने कई उन घोषणाओं पर ध्यान नहीं दिया जिन्हें भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया था। इनमें गेहूं की एमएएसपी 2700 रु प्रति क्विंटल और धान पर 3100 रुएप प्रति क्विंटल, लाडली बहनों को तीन हजार रुपए प्रति माह और घरेलू गैस सिलेंडर 450 रु में देना शामिल था।

CM डॉ. मोहन यादव ने कहा ये पहला बजट है, जो 3.60 लाख करोड़ का है। इस बजट की थीम विकसित भारत है। बजट के पहले हमारी सरकार ने बजट दोगुना करने का लक्ष्य लिया है और यह यह बजट 16% बड़ा है और इसी तरह आने वाले बाकी चार बजट कुल 100% बढ़े होंगे। सीएम ने कहा कि सभी विभागों को उनकी मांग से ज्यादा राशि दी गई है। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार वित्तीय नियंत्रण में रहते हुए अपना काम करेगी। वहीं प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए रीजनल समिट कराए जाएंगे, इनमें पहले उज्जैन में यह समिट होगा और फिर जबलपुर सागर, रीवा सहित कई दूसरे शहरों में निवेश के लिए माहौल बनाया जाएगा।

सरकार ने जो अहम घोषणाएं की हैं उनमें…

मोहन सरकार ने 2024-25 के बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 26 हजार 560 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो कि पिछले वर्ष के बजट अनुमान से 81 प्रतिशत अधिक है। इस राशि का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के विकास को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, महिला स्व-सहायता समूहों को बड़े बाजारों से जोड़ने के लिए 800 करोड़ रुपये का भी प्रावधान किया गया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

अनुसूचित जनजाति वर्ग को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत 40 हजार 804 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि पिछले बजट से 3 हजार 856 करोड़ रुपये अधिक है। इसी तरह, अनुसूचित जाति वर्ग को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 27 हजार 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए मोहन सरकार ने 4 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे आवासीय परियोजनाओं को गति मिलेगी और लोगों को अपने घरों का सपना साकार करने में सहायता मिलेगी।

उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के लिए बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे उज्जैन और आसपास के 10 जिलों में विकास कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा, पीएम फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो किसानों को फसल नुकसान से बचाने में मदद करेगा।

मध्य प्रदेश के 2024-25 बजट में गृह विभाग के लिए 11 हजार 292 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें पुलिस आवास योजना के लिए 367 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस राशि का उपयोग पुलिसकर्मियों के आवासीय सुविधाओं में सुधार के लिए किया जाएगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।

इस बजट में सरकार ने कोशिश की है कि राज्य के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दे रही है, जिससे सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने की कोशिश होगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार के इस बजट पर सवाल उठाया है और पूछा है कि क्यों भाजपा ने अपने चुनावी वादे इस बजट में शामिल नहीं किए हैं।

First Published on: July 3, 2024 7:41 PM