भोपाल। साल के अंतिम कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को शिवराज सरकार ने धर्म स्वातंत्र्य कानून के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को भी मंजूरी दे दी। इसके तहत राज्य में मिलावटखोरों को उम्रकैद व जुर्माना की सजा होगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा कि सरकार का फोकस मिलावटखोरों पर ज्यादा है, इसलिए व्यापारियों को नहीं बल्कि मिलावटखोरों के लिए कानून में सख्त प्रावधान किए हैं।
उन्होंने कहा कि दवाइयों में या खाद्य पदार्थों में मिलावट हो ये लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। ये किसी भी कीमत पर मप्र में नहीं चलने दिया जायेगा। लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों को जीवन भर जेल में चक्की चलाना पड़ेगी।
हमने आज अध्यादेश पारित किया है। IPC की धारा 272, 273, 274, 275, 276 में संशोधन कर 6 माह के कारावास और 1 हजार रुपये तक जुर्माने के स्थान पर आजीवन कारावास और जुर्माना प्रतिस्थापित किया है: मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj #CMMadhyaPradesh
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 29, 2020
खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में मिलावट करने वाले को छह माह की सजा और एक हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान था, लेकिन अब इसे संशोधित कर आजीवन कारावास की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह अधिनियम की धारा 277 (क) में एक्सपायरी डेट की दवाएं बेचने पर सजा तीन साल से बढ़ा कर पांच साल और एक लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार को खुफिया जानकारी मिली है कि कोरोना वैक्सीन में फर्जीवाड़ा हो सकता है। इसे लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 22 दिसंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था कि ऐसा होने पर दोषियों को उम्रकैद की सजा दी जाएगी।