मप्र चुनावों के नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे। साल 2024 से पहले ये भाजपा और मोदी लहर के रूप में सामने आए हैं। मप्र में भाजपा ने 163 सीटें जीती हैं। यह बीते चुनाव के मुकाबले 534 ज्यादा हैं। वहीं कांग्रेस केवल 66 पर सिमटकर रह गई है और उसे बीते चुनाव के मुकाबले 48 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के इस प्रदर्शन में उसके कई पुराने नेता भी शामिल हैं जो अपने इलाकों में बुरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। हालांकि लहर के बावजूद यही हाल भाजपा का भी है। जिनके 12 मंत्री भी चुनाव नहीं जीत पाए। इनमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गौरीशंकर बिसेन, और कृषि मंत्री कमल पटेल तथा उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव शामिल हैं। इसके अलावा शार्ष नेतृत्व के द्वारा उतारे गए केंद्रीय मंत्रियों में फग्गन सिंह कुलस्ते और सांसद गणेश सिंह भी चुनाव हार गए हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से चुनाव हारने वालों में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधो आदि कुछ नेता भी शामिल हैं।
इस बार चुनावों ने में भाजपा ने अपने 31 मंत्रियों को टिकट दिया था और केवल 19 ही चुनाव जीत सके हैं। चुनाव हारने वाले मंत्रियों में अपने इलाके के कई बड़े नाम शामिल हैं। इननमें सबसे पहला नाम पूर्व गृह मंत्री का है। एक नज़र चुनाव हारने वाले मंत्रियों पर।
- दतिया से डॉ. नरोत्तम मिश्रा
- हरदा से कमल पटेल
- बमोरी से महेंद्र सिंह सिसौदिया
- बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल
- अटेर से अरविंद सिंह भदौरिया
- बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव
- बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन
- ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाह
- अमरपाटन से रामखेलावन पटेल
- पारसवाड़ा से राम किशारे नानो कांवरे
- पोहरी से सुरेश धाकड़
- खरगापुर से राहुल सिंह लोधी
वहीं कांग्रेस की ओर से चुनाव हारने वाले नेताओं में पवई से मुकेश नायक, केपी सिंह, जबलपुर पश्चिम से तरुण भनोट, चचौड़ा से दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह, महेश्वर से विजय लक्ष्मी साधो आदि कई कांग्रेसी नेता चुनाव हार गए हैं।