कोरोना से मृत कर्मचारियों के परिजनों के लिए दो बड़ी घोषणा, परिजनों को 5 लाख व अनुकंपा नियुक्ति


कोविड 19 अनुकंपा नियुक्ति और विशेष अनुग्रह योजना के तहत मृत कर्मियों के परिजनों को मिलेगी 5 लाख रुपये व अनुकंपा नियुक्ति।


DeshGaon
बड़ी बात Updated On :
mp-cm-shivraj-singh-chouhan

भोपाल। मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति और विशेष अनुग्रह योजना शुरू करने की घोषणा की। सीएम शिवराज ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक राशि का वितरण करते हुए यह घोषणा की।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारे कर्मचारी राज्य शासन के अभिन्न अंग हैं। मुझे कहते हुए गर्व है कोविड-19 के दौरान महामारी के बीच हमारे कर्मचारी अपने कर्तव्यों के निर्वाह पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कर रहे हैं।

ऐसे समय में जब हम सब से कह रहे हैं कि कोई घरों से ना निकले सुरक्षित रहें, उस समय हमारे कर्मचारी भाई और बहन दिन-रात फील्ड में जनता की सेवा में लगे हुए हैं। व्यवस्था बिगड़ने नहीं दे रहे है, राहत देने एवं इलाज करने में लगे हैं।

उन्‍होंने कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं भी हुई इस दौरान हमारे कई कर्मचारी भाई-बहन कोरोना महामारी के दौरान हमसे बिछड़ गए। वे इस दुनिया में नहीं रहे, उनके परिवारों की देखभाल व चिंता करना हमारी जवाबदारी है, इसलिए राज्य शासन ने दो योजनाएं बनाने का फैसला किया है। पहली, मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना और दूसरी मुख्यमंत्री कोविड 19 विशेष अनुग्रह योजना।

पहली योजना के अंतर्गत समस्त नियमित स्थायी कर्मी, कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ संविदा कलेक्टर दर पर कार्यरत सेवक, इन सबके परिवारों को आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति उसी पद पर दी जाएगी, ताकि उनका परिवार उनसे बिछड़ जाने के बाद परेशान ना हो, रोजगार की निश्चिता हो और उनकी आजीविका चलती रहे।

साथ ही उनके परिवार में पात्र दावेदार को पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि प्रदान करने का फैसला किया गया है। संकट की इस घड़ी में यह अनुग्रह राशि उनके परिवारों का संबल बनेगी और इस योजना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, कोटवाल इत्यादि सभी कर्मी सम्मिलित होंगे।

सीएम शिवराज ने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति की योजना में आशा कार्यकर्ताओं के लिए भी अलग से योजना बनाई जा रही है ताकि इन परिवारों के जो आश्रित भाई-बहन हैं उनको राहत मिल सके व उनकी आजीविका चल सके।


Related





Exit mobile version