मोरबी हादसे में 140 से ज्यादा लोगों की मौत, केबल ब्रिज टूटने के बाद नदी में गिरे थे 500 लोग


हादसे पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया। पीएम मोदी और राहुल गांधी सहित देश के तमाम शीर्ष नेताओं ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है।


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बड़ी बात Updated On :

मोरबी। गुजरात के मोरबी में रविवार शाम करीब साढे छह बजे मच्छु नदी पर बने केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 500 लोग नदी में गिर गए और इस हादसे में करीब 140 लोगों की मौत हुई है। इनके शव मोरबी के सिविल अस्पताल में पहुंचा दिए गए हैं। मोरबी में अस्पतालों के बाहर लोगों की भीड़ जमा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अपने गृह राज्य में हुए इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के लिए दो लाख और घायलों के लिए 50 हजार रु की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। अपनी भारत जोड़ो यात्रा के 54वें दिन उन्होंने सुबह सुबह हादसे में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और 2 मिनट का मौन रखा।

मृतकों में 50 से ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। स्कूल हादसे में करीब 70 से अधिक लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में राजकोट के भाजपा सांसद मोहन कुंदरिया के परिवार से भी 12 लोग शामिल हैं।

नदी से शव और घायलों को निकाल कर ले जा रहे कर्मी

रविवार को हादसे के बाद यहां का नजारा दिल दहला देने वाला था। जान बचाने के लिए सैकड़ों लोगों की चीखें सुनाई दे रही थी तो वही मदद करने वाले लोग कंधों पर लाशें उठाकर नदी से निकल रहे थे।

हादसे के बाद अस्पताल के बाहर का नजारा

मोरबी का एयरपोर्ट पिछले दिनों ही करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से दोबारा सा मारा गया था और हाल ही में 25 अक्टूबर से लोगों के लिए खोल दिया गया। हादसे के बाद पुल का मेंटेनेंस देखने वाली कम्पनी ओरेवा ग्रुप पर गौर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। इस कंपनी के पास 15 साल के लिए इस ब्रिज की मेंटेनेंस साफ सफाई और टोल वसूली की जिम्मेदारी थी।

इस पुल की क्षमता करीब 100 लोगों की थी लेकिन घटना के समय इस पर 500 से अधिक लोग मौजूद थे माना जा रहा है कि पुल 5 गुना ज्यादा भार नहीं उठा पाया और टूट गया।

घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में होने वाला अपना रोड शो कैंसिल कर दिया है वे अब मोरबी जा सकते हैं।

घटनास्थल पर राहत व बचाव अभियान के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौजूद हैं। इसके अलावा​​ कच्छ और राजकोट से तैराकों और 7 दमकल की टीमें रवाना की गई हैं।

कंट्रोल रूम और हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल खुद मोरबी के लिए रवाना हो गए हैं।

दूसरी तरफ, मोरबी के पूर्व भाजपा विधायक कांति अमृतिया का दावा है कि हादसे में अब तक 60 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। इनमें 10 से ज्यादा बच्चे भी शामिल हैं।

हालांकि गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने आधिकारिक तौर पर सात लोगों की मौत और 70 लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी है। राजकोट सिविल हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड तैयार किया गया है, जहां घायलों को ले जाया गया है।

बता दें कि यह पुल पिछले छह माह से बंद था और तकरीबन दो करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत किया गया था। दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था।

जानकारी के मुताबिक, मोरबी का 765 फीट लंबा यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस पुल पर जाने के लिए 15 रुपये फीस लगती है।

ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों की है, लेकिन रविवार की छुट्टी होने के चलते इस पर करीब 500 लोग जमा थे। यही हादसे की वजह बना। बताया जा रहा है कि ब्रिज टूटने से जहां लोग गिरे, वहां 15 फीट तक पानी था।

ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है, जिसने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगरपालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है।

हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से घटना की जानकारी ली और मृतकों के आश्रितों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है। तत्काल उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। वह खुद जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं।

इधर, हादसे पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया। इसके अलावा दिल्ली के सीएम व आप नेता अरविंद केजरीवाल ने भी घटना को दुखद बताया।


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