नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में गोंड-भारिया जैसी जातियों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया।
केंद्रीय कैबिनेट ने छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में करीब 15 जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मीडिया को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस फैसले से हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के ट्रांस-गिरी एरिया में बसे हट्टी समुदाय के लगभग 1.60 लाख लोगों को फायदा होगा।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में बृजिया समुदाय और तमिलनाडु की पहाड़ियों में रहने वाले सबसे वंचित और कमजोर समुदायों में से एक नारिकुरावर भी लाभांवित होंगे।
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केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के बाद देश में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 705 से बढ़कर 720 हो गई है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 10.43 करोड़ है, जो देश की कुल आबादी का 8.6% है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया है और पीएमओ को धन्यवाद भी कहा है। सीएम बघेल ने ट्वीट किया है कि माननीय प्रधानमंत्री जी को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था। आज केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ की 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की है। जनता को बधाई एवं पीएमओ का धन्यवाद।
माननीय प्रधानमंत्री जी को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था।
आज केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ की 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की है।
जनता को बधाई एवं @PMOIndia का धन्यवाद। pic.twitter.com/3bocZnEXFV
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 14, 2022
बता दें कि सरकार ने मार्च में इस मुद्दे से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पेश किया था जिसमें उत्तर प्रदेश की गोंड, धुरिया, नायक, ओझा पठारी और राजगोंड जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाने का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था।
हालांकि उस समय राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो सका। ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल में इसे पारित करने का फैसला लिया गया।
अनुसूचित जनजाति में शामिल की गईं जातियां –
- छत्तीसगढ़ – भूईंया, भूया, पंडो, धनुहार, गदबा, गोंड, कोंध, कोडाकू, नगेसिया, धांगड़, सौंरा, बिंझिया
- हिमाचल प्रदेश – हट्टी
- तमिलनाडु – कुरुविक्करन
- कर्नाटक – बेट्टा कुरुबा
- उत्तर प्रदेश – गोंड, उपजाति-धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड