नई दिल्ली। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बागी बसपा विधायकों की मुलाकात के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने सपा के खिलाफ आक्रमक तेवर अपना लिया है। मायावती ने राज्यसभा चुनाव से पहले बगावत करने वाले सात विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
यही नहीं, मायावती ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को हराने के लिए भाजपा उम्मीदवार को वोट कर सकती है।
सातों विधायकों पर आरोप था कि वे अखिलेश यादव की पार्टी के साथ मिलकर बसपा को तोड़ना चाहते हैं।
#WATCH BSP Chief Mayawati says that her party will vote for BJP or any party's candidate in future UP MLC elections, to defeat Samajwadi Party's second candidate.
"Any party candidate, who'll be dominant over SP's 2nd candidate, will get all BSP MLAs' vote for sure," she said. pic.twitter.com/ki4W6ZAwgE
— ANI (@ANI) October 29, 2020
इस संबंध में मायावती ने विधायक दल के नेता लालजी वर्मा से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार को यह कार्रवाई की गई।
मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि
समाजवादी पार्टी के साथ बसपा का गठबंठन एक गलत फैसला था। उन्होंने यह भी कहा कि 1995 गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेना भी गलती थी। हमारे सात विधायकों को तोड़ा गया है। सपा को यह हरकत भारी पड़ेगी।
बसपा ने बागी रुख अपना वाले विधायक असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया-प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह (सगड़ी-आजमगढ़) को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
इतना ही नहीं मायावती ने उनकी सदस्यता को सामाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने की बात भी कही है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 11 विधान परिषद सीटें अगले साल जनवरी में रिक्त हो रही है। इनमें से छह सीटों पर सपा जबकि दो सीटें पर बसपा और तीन सीटों पर भाजपा के सदस्य हैं।
यूपी के मौजूदा विधायकों की संख्या के आधार पर 11 विधान परिषद सीटों में से भाजपा 8 से 9 सीटें जीतने की स्थिति में है। वहीं, सपा की एक सीट पर जीत तय है और दूसरी सीट से उसे निर्दलीय सहित अन्य दलों के समर्थन की जरूरत होगी।