केंद्रीय मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक बुधवार को हुई जहां कई अहम मुद्दों पर बात की गई। यहां सिटी बस परिचालन को बढ़ाने के लिए पीएम-ईबस सेवा से लेकर 32,500 करोड़ रुपये की भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं जैसी कई योजनाओं को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में ये फैसले पारित किये गये। इनमें सबसे अहम रही पीएम विश्वकर्मा योजना जिसके तहत सामान्य कामगारों को बेहतर ट्रेनिंग और अपने काम में निवेश के लिए लोन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
पीएम विश्वकर्मा योजनाः
पीएम मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में घोषित की गई इस योजना का उद्देश्य बुनकरों, सुनारों, राज मिस्त्रियों, लोहारों, बढ़ई, मूर्तिकार, शिल्पकार, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाई सहित पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को 2 लाख रुपये तक का रियायती ऋण प्रदान करना है।
कारीगरों को 5% की रियायती ब्याज दर पर पहली किश्त में 1 लाख रुपये और दूसरी किश्त में 2 लाख रुपये का अनुदानित ऋण प्रदान किया जाएगा। यह योजना 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती पर 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ शुरू की जाएगी। सरकार का अनुमान है कि इस योजना से करीब 30 लाख परिवार सशक्त होंगे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि योजना के तहत पहली किश्त में, सरकार प्रशिक्षण के दौरान प्रति दिन 500 रु के स्टायपेंड, आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए अधिकतम पांच प्रतिशत ब्याज पर 15,000 रु तक की सहायता और 1 लाख रुपए तक के कर्ज के साथ बुनियादी और उन्नत कौशल कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
Embracing our nation’s skills and cultural diversity, the PM Vishwakarma initiative will celebrate our traditional artisans and craftspeople, both from rural and urban India.
Honouring the timeless Guru-Shishya tradition, it will augment the efforts of our Vishwakarmas,… https://t.co/Qfk4aHZLsz
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2023
पीएम ई-बस सेवा:
ग्रीन एनर्जी और ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ाने की मांग पर काम करते हुए , केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिटी बस संचालन में ग्रीन एनर्जी से चलने वाली बसों का निर्णय लिया है। इसके लिए पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत 169 शहरों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर कुल 10,000 इलेक्ट्रिक बसें तैनात की जाएंगी।
इस बीच, योजना के ‘ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशिएटिव’ के तहत 181 शहरों में इस तरह के वाहनों के लिए बुनियादी ढांचे, मल्टीमॉडल इंटरचेंज सुविधाओं और एनसीएमसी-आधारित स्वचालित किराया संग्रह प्रणालियों को अपडेट किया जाएगा।
#Cabinet approves “PM-eBus Sewa” for augmenting city bus operations; priority to cities having no organized bus service;
10,000 e-Buses to be deployed in 169 cities; infrastructure to be upgraded in 181 cities under Green Urban Mobility#Cabinetbriefings pic.twitter.com/M4lOOWAoIc
— Sheyphali B. Sharan (@DG_PIB) August 16, 2023
यह योजना 3 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इसके साथ ही, उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां कोई संगठित बस सेवा नहीं है।
योजना की कुल अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये का समर्थन केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। इस योजना को दस वर्षों तक सरकार का सहयोग मिलेगा।
भारतीय रेलवे की 7 परियोजनाएँ
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 32,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली रेल मंत्रालय की 7 मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। परियोजनाएं पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित होंगी और देश के 9 राज्यों (आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) के 39 जिलों को कवर करेंगी।
प्रस्तावित परियोजनाओं का लक्ष्य भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को 2339 किमी तक बढ़ाना है। उनका लक्ष्य मौजूदा लाइन क्षमता को बढ़ावा देना, ट्रेन संचालन को सुचारू बनाना, भीड़भाड़ को कम करना और यात्रा और परिवहन को आसान बनाना है।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का अगला चरण
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14,903 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ विस्तार डिजिटल इंडिया परियोजना को भी मंजूरी दी। विस्तारित कार्यक्रम का लक्ष्य 6.25 लाख आईटी पेशेवरों को फिर से कुशल बनाना और अन्य 2.65 लाख लोगों को सूचना सुरक्षा में प्रशिक्षित करना है।
एआई के द्वारा भाषा का अनुवाद करने वाले उपकरण – भाषिणी – को 22 अनुसूची वीएलएल भाषाओं में लॉन्च किया जाएगा और राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर मिशन के तहत 9 और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। इस योजना का लक्ष्य टियर 2/3 शहरों में 1,200 नए स्टार्टअप को समर्थन देना भी है। सरकार का डिजीलॉकर प्लेटफ़ॉर्म, जो ड्राइवर लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र सहित विभिन्न दस्तावेजों के डिजिटल संस्करणों तक पहुंच की अनुमति देता है, को एक स्टैंडअलोन ऐप के रूप में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) तक विस्तारित किया जाएगा, जिसका उपयोग करके ये संस्थाएं अपने दस्तावेज़ डिजिटल रूप से प्राप्त कर सकती हैं। सत्यापित