डॉ. मनमोहन सिंह: सादगी और समर्पण के प्रतीक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री को दुनिया ने दी अंतिम विदाई


पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफूल समेत कई विदेशी गणमान्य शामिल हुए। अमेरिका, रूस, फ्रांस और सिंगापुर सहित विश्व नेताओं ने उनके योगदान को सराहा। मॉरीशस और सिंगापुर ने राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका कर उन्हें सम्मानित किया।


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Dr Manmohan Singh

शनिवार को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफूल सहित कई अन्य विदेशी गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2011 में ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, “भारत अपनी नियति को अपने दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के सहयोग के बिना प्राप्त नहीं कर सकता।” यह टिप्पणी उनके कार्यकाल के दौरान भारत के पड़ोसी देशों के साथ मजबूत संबंधों को प्राथमिकता देने की उनकी नीति को दर्शाती है। 2008 में प्रधानमंत्री रहते हुए, सिंह ने भूटान का दौरा किया और देश में लोकतंत्र की दिशा में उठाए गए कदमों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।

विदेशी नेताओं की संवेदनाएं:
शुक्रवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुज्जु, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबगे जैसे कई नेताओं ने शोक संदेश भेजे।

मॉरीशस और सिंगापुर ने डॉ. सिंह को सम्मानित करने के लिए अपने राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका रखने की घोषणा की। मॉरीशस के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद आज उनके अंतिम संस्कार के दिन मॉरीशस का झंडा सभी सरकारी भवनों पर आधा झुका रहेगा।” सिंगापुर के भारत में उच्चायुक्त एच सी वोंग ने भी X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “सिंगापुर का झंडा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति गहरी श्रद्धा के प्रतीक स्वरूप आधा झुका हुआ है। हमारी गहरी संवेदनाएं।”

 
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि दी और भारत-अमेरिका परमाणु समझौते में उनके योगदान की सराहना की। बाइडेन ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह एक सच्चे राजनेता और समर्पित सार्वजनिक सेवक थे। भारत और अमेरिका के बीच आज का अभूतपूर्व सहयोग उनकी दूरदृष्टि और राजनीतिक साहस का परिणाम है।”

बाइडेन ने 2008 में सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष रहते हुए और 2009 में उपराष्ट्रपति के तौर पर डॉ. सिंह से मुलाकात को याद किया। उन्होंने कहा, “2013 में उन्होंने मुझे नई दिल्ली में आमंत्रित किया। तब हमने चर्चा की थी कि भारत-अमेरिका संबंध दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक हैं।”

फिलिस्तीन का शोक संदेश:
फिलिस्तीन ने भी डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक “बुद्धिमान राजनेता, महान अर्थशास्त्री और विनम्र व्यक्ति” बताया, जिनकी विशेषज्ञता और योगदान ने भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को ऊंचा किया।

फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर डॉ. सिंह के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने डॉ. सिंह को “एक प्रतिष्ठित नेता, जिन्होंने अपने देश और लोगों की सेवा में कई साल समर्पित किए” बताया।

अन्य विश्व नेताओं का शोक:
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उन्हें “सच्चा मित्र” कहा, जबकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें “अद्वितीय राजनेता” बताते हुए भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने में उनके व्यक्तिगत योगदान की सराहना की। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुनियाभर के नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए उनके योगदान को याद किया।



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