देश के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच सियासी घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर डॉ. सिंह के साथ सम्मानजनक व्यवहार न करने का आरोप लगाया है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर डॉ. मनमोहन सिंह का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत माता के महान सपूत और देश के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का आज निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करके वर्तमान सरकार ने उनका घोर अपमान किया है।”
राहुल गांधी ने डॉ. सिंह को भारत का ‘मध्य वर्ग का नायक’ बताया और कहा कि उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल में भारत ने आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरना शुरू किया। उन्होंने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्रियों को हमेशा सम्मानपूर्वक विशिष्ट स्थल पर अंतिम संस्कार की परंपरा रही है। डॉ. सिंह जैसे महान नेता के लिए यह परंपरा निभाई जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
मल्लिकार्जुन खड़गे की अपील
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार के लिए एक विशिष्ट स्थल निर्धारित करने और उनके लिए एक स्मारक बनाने की मांग की थी। सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्मारक बनाने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है और इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा।
भाजपा पर भेदभाव का आरोप
कांग्रेस नेता माणिकम टैगोर ने सवाल उठाया कि जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए अलग स्मारक बनाया गया था, तो डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर क्यों किया गया? उन्होंने इसे “गहरा असंतोषजनक और पक्षपातपूर्ण व्यवहार” करार दिया। कांग्रेस महासचिव प्रियांका गांधी वाड्रा ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह डॉ. सिंह के व्यक्तित्व, पद और उनके समुदाय के प्रति अपमानजनक है।
अंतिम संस्कार में प्रोटोकॉल की अनदेखी?
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने सरकार पर अंतिम संस्कार में “कुप्रबंधन” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “डॉ. सिंह के परिवार के लिए समुचित इंतजाम नहीं किए गए। तीन कुर्सियां ही परिवार के लिए रखी गईं। राष्ट्रीय ध्वज सौंपते वक्त प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री खड़े तक नहीं हुए। यहां तक कि गाड़ी का काफिला भी परिवार के वाहन को पीछे छोड़ आगे बढ़ गया, जिससे परिवार को अंदर लाने में समय लगा।”