नई दिल्ली। कांग्रेस को 24 साल बाद मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में पहला गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है। खड़गे ने शशि थरूर को 6825 वोटों से हरा दिया।
खड़गे को 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को 1072 वोट ही मिल सके जबकि 416 वोट खारिज कर दिए गए।
नतीजों की घोषणा के बाद शशि थरूर ने मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई दी और साथ ही उनका साथ देने वालों को धन्यवाद दिया।
Congress President poll: Mallikarjun Kharge set to be party's new chief; polls over 7,000 votes
Read @ANI Story | https://t.co/H2GnSbhkTV#MallikarjunKharge #CongressPresidentialPoll #Congress #ShashiTharoor pic.twitter.com/WwzKMJrtLe
— ANI Digital (@ani_digital) October 19, 2022
इतना ही नहीं वे नए कांग्रेस अध्यक्ष बने खड़गे से मिलने उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंचे। हालांकि, उनके चुनाव प्रतिनिधि सलमान सोज ने वोटिंग में धांधली का आरोप लगाया था।
Shashi Tharoor reaches the residence of the Congress President-elect Mallikarjun Kharge, in Delhi. pic.twitter.com/GL37Od8wT0
— ANI (@ANI) October 19, 2022
चुनाव में अनियमितताओं पर राहुल गांधी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मसले कांग्रेस चुनाव समिति में मधुसूदन मिस्त्री के सामने रख दिए गए हैं और वो फैसला लेंगे।
#WATCH| "I can't comment on Congress President's role, that's for Mr Kharge (party's Presidential candidate) to comment on. The President will decide what my role is…", says Congress MP Rahul Gandhi, in Andhra Pradesh
Counting of votes to decide the Congress President underway pic.twitter.com/eRoRBY7QfX
— ANI (@ANI) October 19, 2022
बता दें कि राहुल गांधी ने भी वोटों की गिनती के बीच ही खड़गे की जीत की बात कह दी थी। जब उनसे पार्टी में उनके रोल के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये खड़गे जी से पूछिए। अब वही तय करेंगे।
इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं। बाबू जगजीवन राम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे।
आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही है जबकि 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गैर गांधी परिवार वाले नेताओं के पास रही।
बता दें कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में मतदान हुआ था। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए।
सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली। इस बार राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का फैसला लिया गया था।