महाविकास अघाड़ी सरकार में फूटः राउत बोले- NCP व कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने को तैयार


गुवाहाटी में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने 42 शिवसेना और 7 निर्दलीय विधायकों के साथ फोटो जारी कर शक्ति प्रदर्शन किया है।


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bhujbal and raut

मुंबई। महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है और दूसरी तरफ गुवाहाटी में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने 42 शिवसेना और 7 निर्दलीय विधायकों के साथ फोटो जारी कर शक्ति प्रदर्शन किया है।

इसके फौरन बाद शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि विधायकों को गुवाहाटी से संवाद नहीं करना चाहिए, वे वापस मुंबई आएं और सीएम से इस सब पर चर्चा करें।

हम सभी विधायकों की इच्छा होने पर एमवीए से बाहर निकलने पर विचार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें यहां आना होगा और सीएम से चर्चा करनी होगी।

हालांकि, राउत के बयान पर एनसीपी कोटे से मंत्री छगन भुजबल ने इसे गैरजिम्मेदारी तरीके से दिया गया बयान बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देने से पहले सहयोगी दलो से चर्चा करना जरूरी था।

जानकारी के मुताबिक सरकार गठन और आगे की प्रक्रिया को लेकर महाराष्ट्र भाजपा में भी बैठक शुरू हो गई है। भाजपा ने शिंदे को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में 8 कैबिनेट रैंक और 5 राज्य मंत्री रैंक का ऑफर दिया है। साथ ही केंद्र में भी 2 मंत्री पद देने की पेशकश की है।

उद्धव ठाकरे को शिंदे खेमे की ओर से लिखी गई चिट्ठी –

इससे पहले,​​​ बागी नेता एकनाथ शिंदे ने एक चिट्ठी शेयर की है। चिट्ठी संजय शिरसाट ने लिखी है, मगर इसमें सभी विधायकों की भावनाएं बताईं गई है।

चिट्ठी में लिखा है- शिवसेना विधायकों के लिए आपका दरवाजा हमेशा बंद रहता था। आप इन विधायकों की सुनते नहीं थे। वहीं शिंदे हमेशा विधायकों की सुनते थे और आगे भी सुनेंगे।

कल वर्षा बंगले के दरवाजे सचमुच जनता के लिए खोल दिए गए। बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई। पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे। हमें ऐसे लोग चला रहे थे, जिन्हें लोगों ने नहीं चुना था। ये लोग विधान परिषद और राज्यसभा के माध्यम से आए थे।

तथाकथित (चाणक्य लिपिक) बडवे हमें हराने और राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति तय करने का काम कर रहे थे। इसका परिणाम सिर्फ महाराष्ट्र ने देखा है। शिवसेना विधायक के रूप में हमें वर्षा बंगले तक सीधी पहुंच नहीं मिली।

मुख्यमंत्री मंत्रालय की छठी मंजिल पर सभी से मिलते हैं, लेकिन हमारे लिए कोई जगह ही नहीं थी, क्योंकि आप कभी मंत्रालय ही नहीं गए। कई बार निर्वाचन क्षेत्र के काम, अन्य मुद्दों, व्यक्तिगत समस्याओं के लिए सीएम साहब से मिलने का अनुरोध करने के बाद हमें बुलाया जाता और बंगले के गेट पर घंटों खड़ा रखा जाता।

मैंने कई बार सीएम को फोन किया पर फोन रिसीव नहीं होता था। आखिरकार हम ऊब जाते और चले जाते। हमारा सवाल यह है कि अपने ही विधायकों के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार क्यों? ऐसे विधायकों से इस तरह का व्यवहार जिन्हें तीन-चार लाख मतदाता चुनते हैं?

इसके साथ ही गुवाहाटी की रेडिसन ब्लू होटल से एक वीडियो सामने आया है, जिसे शिंदे कैंप ने जारी किया है। इसमें कुल 42 विधायक नजर आ रहे हैं, जिनमें 35 शिवसेना के और 7 अन्य हैं।

 


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