महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने राज्य की राजनीतिक दिशा को स्पष्ट कर दिया है। इलेक्शन कमीशन से अबतक मिले आंकड़ों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 में से 221 सीटों पर विजय प्राप्त की है, जबकि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को मात्र 55 सीटों से संतोष करना पड़ा। अन्य दलों ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है।
बड़ी सीटों पर रिजल्ट…
- वर्ली विधानसभा क्षेत्र: यहां शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के आदित्य ठाकरे ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मिलिंद देवड़ा को पराजित किया।
- बारामती: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने अपने भतीजे, एनसीपी (शरद पवार) के उम्मीदवार युगेंद्र पवार को हराया।
- वांद्रे पूर्व: यहां कांग्रेस के जीशान सिद्दीकी ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरुण सरदेसाई को मात दी।
- नागपुर दक्षिण पश्चिम: उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस के प्रफुल्ल गुदाधे को हराकर चौथी बार जीत हासिल की।
- कोपरी-पाचपाखड़ी: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के उम्मीदवार को पराजित किया।
एग्जिट पोल इस बार सही
चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच कड़ी टक्कर की संभावना जताई गई थी। हालांकि, वास्तविक परिणामों में महायुति ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया, जिससे राज्य में स्थिर सरकार बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
राजनीतिक गठबंधन की बड़ी जीत:महायुति बनाम महाविकास अघाड़ी: किसकी जीत, किसकी हार?
महायुति की इस प्रचंड जीत का श्रेय भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) के मजबूत गठबंधन को दिया जा रहा है। वहीं, महाविकास अघाड़ी को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, विशेषकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपने जनाधार को मजबूत करने के लिए काम किया है।
आगे की चुनौती
महायुति की सरकार के सामने अब राज्य के विकास, किसानों की समस्याओं, बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे के विकास जैसी चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी होगी। वहीं, विपक्ष को अपनी भूमिका को पुनर्परिभाषित करते हुए राज्य के हित में सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभानी होगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 इति…
महाराष्ट्र की जनता ने इस चुनाव में स्पष्ट जनादेश दिया है, जिससे राज्य की राजनीतिक दिशा अगले पांच वर्षों के लिए निर्धारित हो गई है। अब सभी की निगाहें नई सरकार की नीतियों और उनके कार्यान्वयन पर टिकी होंगी।