कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 70 लाख नए मतदाता अचानक सूची में जोड़े गए, जो कि एक असामान्य वृद्धि है। राहुल गांधी ने मांग की कि चुनाव आयोग (EC) को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इतने बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में बदलाव कैसे हुआ।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान रायबरेली सांसद ने कहा,
“मैं महाराष्ट्र चुनावों के बारे में बात करना चाहता हूं। पूरे हिमाचल प्रदेश की आबादी के बराबर मतदाता अचानक महाराष्ट्र की मतदाता सूची में जुड़ गए। लोकसभा चुनाव के बाद 70 लाख नए मतदाता महाराष्ट्र में कहां से आए?”
पहले भी उठे थे सवाल
राहुल गांधी और विपक्षी दल पहले भी चुनाव आयोग से मतदाता सूची में विसंगतियों को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी (MVA) ने आरोप लगाया था कि 47 लाख नए मतदाता अचानक मतदाता सूची में जोड़े गए थे, जिससे चुनावी नतीजे प्रभावित हुए।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार:
लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में 92,890,445 पंजीकृत मतदाता थे, जबकि विधानसभा चुनाव 2024 में यह संख्या 97,793,350 तक पहुंच गई यानी, 4.90 मिलियन (लगभग 49 लाख) नए मतदाता जुड़े।इसके अलावा मतदान प्रतिशत भी लोकसभा की तुलना में 6% अधिक था।
कांग्रेस और एमवीए की आपत्ति
कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने मनमाने ढंग से 10,000 से अधिक नए मतदाता हर विधानसभा क्षेत्र में जोड़े और कई पुराने मतदाताओं के नाम हटा दिए। कांग्रेस का कहना था कि जिन 50 सीटों पर औसतन 50,000 नए मतदाता जोड़े गए, उनमें से 47 सीटों पर महायुति गठबंधन ने जीत दर्ज की।
राहुल गांधी ने संसद में कहा कि चुनाव आयोग को कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) को मतदाता सूची का डेटा सौंपना चाहिए, ताकि निष्पक्ष जांच की जा सके।
शिवसेना (शिंदे गुट) का पलटवार
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने राहुल गांधी के आरोपों को “झूठा और बेबुनियाद” करार दिया। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने हर सूची को सार्वजनिक किया था। यह एक नियमित प्रक्रिया है, जिसे लेकर विपक्ष बेवजह भ्रम फैला रहा है।”
चुनाव आयोग ने पहले ही दी थी सफाई
चुनाव आयोग के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी किरण कुलकर्णी ने पहले स्पष्ट किया था कि चुनावों से पहले मतदाता सूची का अपडेट Form 6, 7 और 8 के माध्यम से किया गया था।
Form 6: नए मतदाताओं का पंजीकरण।
Form 7: मृत या अयोग्य मतदाताओं के नाम हटाना।
Form 8: मतदाता की जानकारी में बदलाव।
चुनाव आयोग ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के कारण इस बार मतदाता सूची का अपडेट दो बार हुआ, जिससे संख्या में वृद्धि देखी गई।
ईवीएम पर भी उठे सवाल
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के नेता रोहित पवार ने भी चुनावी नतीजों पर सवाल उठाते हुए ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा था,
“विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत अचानक बढ़ गया। लोकसभा की तुलना में 76 लाख ज्यादा वोट पड़े। इसकी जांच होनी चाहिए। ईवीएम को लेकर भी कई शिकायतें आई हैं।”
भाजपा का जवाब
भाजपा और महायुति गठबंधन ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि मतदाता जागरूकता अभियानों और संगठित चुनावी रणनीति की वजह से अधिक मतदान हुआ। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “एमवीए अपनी हार को पचा नहीं पा रहा, इसलिए आधारहीन आरोप लगा रहा है।”
क्या होगा आगे?
राहुल गांधी के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। अब सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इन आरोपों पर विस्तृत जवाब देगा या विपक्ष के दबाव के बीच कोई नई जांच होगी?