महाकुंभ भगदड़ पर संसद में हंगामा, विपक्ष ने सरकार पर लगाया आंकड़े छिपाने का आरोप


महाकुंभ भगदड़ पर संसद में हंगामा, विपक्ष ने सरकार से मृतकों की सही संख्या बताने की मांग की। राज्यसभा और लोकसभा में नारेबाजी, विपक्षी दलों का वॉकआउट।


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बड़ी बात Updated On :

प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद अब इसका राजनीतिक असर संसद में देखने को मिल रहा है। संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन, सोमवार को विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और सरकार पर मौतों का सही आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मृतकों की सही जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की।

राज्यसभा में हंगामा, खड़गे के बयान पर मचा बवाल

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भगदड़ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि “हजारों लोग मारे गए हैं।” इस बयान पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन्हें बयान वापस लेने को कहा।

खड़गे ने जवाब दिया, “यह मेरा अनुमान है। अगर आंकड़े गलत हैं, तो सरकार को बताना चाहिए कि सच्चाई क्या है। मैंने किसी को दोषी ठहराने के लिए ‘हजारों’ नहीं कहा। लेकिन कितने लोग मारे गए, यह जानकारी तो दीजिए। अगर मैं गलत हूं तो मैं माफी मांगूंगा।”

सरकार की ओर से जवाब देने आए भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष के आरोपों को “भ्रम फैलाने वाला” बताया और कहा कि “भगदड़ के पीछे किसी साजिश की बू आ रही है।”

लोकसभा में भी जोरदार हंगामा, स्पीकर ओम बिरला नाराज

लोकसभा में भी इस मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और वेल में पहुंचकर प्रदर्शन किया। बढ़ते हंगामे पर स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जताई और कहा, “जनता ने आपको सवाल पूछने के लिए भेजा है, मेज तोड़ने के लिए नहीं। अगर आपको मेज तोड़नी है तो और जोर से मारिए।”इस दौरान योगी सरकार के खिलाफ विपक्ष के b

विपक्षी दलों का वॉकआउट

महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग पूरी न होने पर विपक्षी दलों ने संसद से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस, सपा, टीएमसी और डीएमके के सांसदों ने सदन से बाहर जाकर सरकार पर निशाना साधा।

सपा सांसद जया बच्चन ने कहा, “सबसे बड़ा मुद्दा यही है। सरकार मृतकों की सही संख्या बताए और जनता को सफाई दे। व्यवस्थाएं सिर्फ VIP लोगों के लिए थीं, आम आदमी के लिए कुछ नहीं था।”

क्या हुआ था महाकुंभ में?

28 जनवरी की रात प्रयागराज के संगम तट पर मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान भगदड़ मच गई थी।
🔹 प्रशासन के मुताबिक, उस दिन 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु संगम और अन्य घाटों पर स्नान के लिए पहुंचे थे।
🔹 यूपी सरकार ने 17 घंटे बाद 30 मौतों और 60 घायलों की पुष्टि की थी।
🔹 लेकिन स्वतंत्र मीडिया रिपोर्ट्स में यह संख्या कई गुना ज्यादा बताई जा रही है।

 

सरकार की सफाई और विपक्ष की मांग

सरकार का कहना है कि भगदड़ प्रशासनिक चूक के कारण नहीं हुई, बल्कि भीड़ का अचानक बेकाबू हो जाना इसकी वजह थी। यूपी सरकार ने दावा किया है कि घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।

वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार को मृतकों की सूची सार्वजनिक करनी चाहिए और शासन-प्रशासन की लापरवाही की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

आगे क्या?

महाकुंभ भगदड़ से जुड़ा यह मुद्दा अब राजनीतिक तूल पकड़ चुका है। विपक्ष ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार मृतकों की असल संख्या नहीं बताएगी, वे इसे संसद से लेकर सड़क तक उठाते रहेंगे। अगले कुछ दिनों में इस पर विशेष चर्चा की मांग भी उठ सकती है।


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