मध्यप्रदेश सरकार के बड़े फैसले: असिस्टेंट प्रोफेसर की आयु सीमा में वृद्धि, महिला आरक्षण में विस्तार


मध्यप्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनमें असिस्टेंट प्रोफेसर की अधिकतम आयु सीमा बढ़ाकर 50 वर्ष और PSC/ESB नियुक्तियों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण शामिल है। साथ ही, नए उर्वरक केंद्र और ऊर्जा परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई।


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बड़ी बात Published On :

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनका सीधा प्रभाव राज्य की शिक्षा, ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों पर पड़ने की संभावना है। इन फैसलों में सबसे उल्लेखनीय निर्णय असिस्टेंट प्रोफेसर की अधिकतम आयु सीमा को 40 से बढ़ाकर 50 वर्ष करना रहा। यह बदलाव राज्य में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिया गया है, जिससे अधिक अनुभवी और योग्य उम्मीदवारों को उच्च शिक्षा में योगदान देने का अवसर मिलेगा। इस निर्णय के तहत, राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा का स्तर बढ़ाने का प्रयास किया गया है ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मेडिकल क्षेत्र को मिल सके।

 

महिलाओं के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी

राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा आयोग (PSC) और राज्य शिक्षा बोर्ड (ESB) की परीक्षाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण को 33% से बढ़ाकर 35% करने का निर्णय लिया है। इस वृद्धि का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के क्षेत्र में और अधिक अवसर प्रदान करना और उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री मोहन ने कहा कि यह निर्णय राज्य में महिलाओं की भागीदारी को मजबूत करेगा और उन्हें समान अवसर देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

 

ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव और नई परियोजनाएं

ऊर्जा क्षेत्र में भी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। राज्य के सतपुरा ताप विद्युत संयंत्र की पुरानी इकाइयों को हटाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत, 410 मेगावाट की दो इकाइयों को डी-कमीशन कर एक नया 660 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। यह नया संयंत्र न केवल राज्य में ऊर्जा आपूर्ति को सुनिश्चित करेगा बल्कि इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। सरकार का मानना है कि ऊर्जा क्षेत्र में इन सुधारों से उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा, जिससे प्रदेश के नागरिकों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकेगी।

 

कृषि क्षेत्र में सुधार: नए उर्वरक केंद्रों की स्वीकृति

कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के उद्देश्य से कैबिनेट ने 286 नगद उर्वरक केंद्रों को मंजूरी दी है, जिनमें से 141 केंद्र विपणन समितियों के अंतर्गत स्थापित किए जाएंगे। इस फैसले से किसानों को खाद की उपलब्धता में आ रही समस्याओं का समाधान होगा। इससे पहले किसानों को खाद प्राप्त करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था और उन्हें कई दिनों तक लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता था। राज्य सरकार ने सभी सहकारी समितियों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने का भी निर्णय लिया है, जिससे किसानों को सहूलियत के साथ खाद प्राप्त हो सकेगा और आईटी इंटिग्रेशन से सहकारी समितियों को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 368 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की है।

 

नर्मदापुरम में निवेशक सम्मेलन की तैयारी

राज्य सरकार ने 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में एक विशाल निवेशक सम्मेलन के आयोजन का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत नर्मदापुरम संभाग के सभी जिलों के अधिकारियों को आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। इस आयोजन से निवेशकों को राज्य में आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। इस सम्मेलन के दौरान राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं को प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक प्रगति संभव हो सकेगी।

 

इन महत्वपूर्ण फैसलों से यह स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा, ऊर्जा और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाने के लिए कटिबद्ध है। इन सुधारों के माध्यम से सरकार का उद्देश्य न केवल राज्य की जनता के जीवन स्तर को सुधारना है, बल्कि प्रदेश को एक प्रगतिशील और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करना है।

 


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