जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने शिक्षक भर्ती परीक्षा, पीजी नीट परीक्षाओं व मेडिकल अधिकारियों की भर्ती में ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से अधिक किए जाने पर पूर्व में लगाई गई अंतरिम रोक बरकरार रखा है।
मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सोमवार को राज्य सरकार के उस आग्रह को ठुकरा दिया, जिसमें यह स्थगन हटाने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख छह दिसंबर घोषित की है।
जबलपुर की छात्रा अशिता दुबे व अन्य की ओर से याचिकाएं पेश कर अधिवक्ता आदित्य संघी ने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य में ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी किया जा रहा है जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायदृष्टांत की रोशनी में अवैध है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 19 मार्च 2019 को प्रीपीजी नीट, मेडिकल की परीक्षाओं में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने बाद में शिक्षक भर्ती व मेडिकल आफिसर की भर्तियों में भी ओबीसी आरक्षण बढ़ाने पर रोक लगा दी थी।
इस बीच राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाकर 27 फीसदी करने का विधेयक पारित कर दो सितंबर 2021 को इसे लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
सामाजिक संस्था यूथ फॉर इक्विलिटी की ओर से इस नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई। वहीं ओबीसी वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से राज्य सरकार के ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के कदम का समर्थन किया गया।
राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल आफ इंडिया तुषार मेहता, अतिरिक्त महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नार्ड व ओबीसी एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने पक्ष रखा।