रणजी चैंपियन बनकर मध्यप्रदेश की टीम ने रचा इतिहास


एमपी के लिए दूसरी पारी में हिमांशु मंत्री ने सबसे ज्यादा 37 रनों का योगदान दिया। वहीं शुभम शर्मा और रजत पाटीदार ने 30-30 रनों की पारियां खेली। 


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भोपाल। मध्य प्रदेश की क्रिकेट टीम ने पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया है। टीम ने फाइनल मुकाबले में 41 बार की चैंपियन मुंबई को छह विकेट से हराया। मध्य प्रदेश की टीम 88 सालों के इतिहास में पहली बार रणजी चैंपियन बनी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके बाद खुशी जाहिर की और कहा कि टीम के घर लौटने पर भव्य स्वागत किया जाएगा।

पांचवें दिन के शुरुआती सत्र में ही मुंबई ने अपने बाकी आठ विकेट गंवा दिए, जिसके चलते मुंबई की दूसरी पारी 269 रनों पर सिमट गई। मुंबई के लिए दूसरी पारी में सुवेद पारकर ने सबसे ज्यादा 51 रनों का योगदान दिया। वहीं टीम के लिए सरफराज ने 45 और कप्तान पृथ्वी शॉ ने 44 रनों की पारी खेली।

मध्य प्रदेश की ओर से कुमार कार्तिकेय ने सबसे ज्यादा चार विकेट लिए। 108 रनों के टारगेट को टीम एमपी ने आसानी से हासिल कर लिया। एमपी के लिए दूसरी पारी में हिमांशु मंत्री ने सबसे ज्यादा 37 रनों का योगदान दिया। वहीं शुभम शर्मा और रजत पाटीदार ने 30-30 रनों की पारियां खेली।

 

मध्य प्रदेश टीम की इस ऐतिहासिक जीत के बाद उन्हें हर ओर से बधाइयां मिल रहीं हैं।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ‘पहली बार कई बार की विजेता मुंबई को हराकर मध्य प्रदेश की टीम ने रणजी ट्रॉफी जीत कर कमाल कर दिया है। हम सब गदगद, प्रसन्न और भावविभोर हैं। मैं टीम के चंद्रकांत पंडित, कप्तान आदित्य श्रीवास्तव एवं समस्त टीम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। पूरी क्रिकेट टीम का राजधानी भोपाल में भव्य स्वागत व नागरिक अभिनंदन किया जाएगा। क्रिकेट का एक नया इतिहास रचने वाले हमारे क्रिकेट- वीर रणबाकुरों का भव्य स्वागत होगा।’

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि, ‘मध्यप्रदेश की क्रिकेट टीम ने पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतकर नया इतिहास रचा है। इस शानदार जीत पर पूरे मध्यप्रदेश को हमारी टीम पर गर्व है। सभी खिलाड़ियों को इस शानदार जीत की बहुत-बहुत बधाई।’

 

 


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