भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सर्वदलीय बैठक में सहमति से यह निर्णय लिया गया कि मध्यप्रदेश विधानसभा का सोमवार से प्रस्तावित शीतकालीन सत्र नहीं होगा। इस मामले पर विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के नेता कमल नाथ भी शामिल हुए थे। बैठक के बाद मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सत्र स्थगित करने की जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में विचार के उपरांत सत्र को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
वहीं, सर्वदलीय बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने कहा कि जो भी हो नियम का पालन किया जाए। सत्र चल सकता है तो चलाया जाए। हमने सुझाव दिया है कि समितियां बना ली जाएं। विधायकों के प्रश्नों के जवाब भी दिए जाएं। नए सदस्यों की शपथ अध्यक्ष के कक्ष में कराई जाए और हमारी आवाज दबाने का प्रयास न किया जाए।
सर्वदलीय बैठक में #कोरोना_संक्रमण के ताजा मामलों को देखते हुए विधानसभा का 28 दिसंबर से प्रस्तावित शीतकालीन सत्र फिलहाल स्थगित करने का फैसला लिया गया है। आगे का निर्णय नेता प्रतिपक्ष के सुझाव के मुताबिक विधायकों की समिति के साथ चर्चा कर लिया जाएगा।@OfficeOfKNath @BJP4MP @INCMP pic.twitter.com/xS8DzaewQB
— Dr Narottam Mishra (Modi Ka Parivar) (@drnarottammisra) December 27, 2020
इससे पहले विधानसभा सत्र शुरू करने को लेकर कई तरह के निर्णय व उपाय किए जा रहे थे। सत्र के पहले दिन 28 नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई जानी थी।
वहीं, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी। माना जा रहा था कि सत्र यदि तीनों दिन चलता है तो फिर चुनाव कराए जा सकते हैं। हालांकि, कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए इसके टलने की संभावना भी जताई जा रही थी।
शीतकालीन सत्र के दौरान मध्यप्रदेश सरकार धर्म स्वातंत्र्य विधेयक, मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने दंड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन), नगर पालिक विधि संशोधन, मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए प्रथम अनुपूरक अनुमान सहित 16 विधेयक प्रस्तुत करने वाली थी।