मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गोटेगांव में एक खेल कार्यक्रम के समापन अवसर पर घोषणा की है कि मध्यप्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में पूरी तरह शराबबंदी लागू की जाएगी। इन क्षेत्रों में देशी और विदेशी दोनों प्रकार की शराब के विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भगवान श्रीराम के वन पथ गमन और चित्रकूट जैसे स्थलों को विशेष पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से विकसित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के मध्यप्रदेश आगमन से जुड़े स्थानों को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संरक्षित और विकसित किया जाएगा।
यह घोषणा मुख्यमंत्री ने गोटेगांव में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता के समापन समारोह के दौरान की। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि शुक्रवार को संभावित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जा सकता है।
गौरतलब है कि जिन 17 धार्मिक क्षेत्रों में शराबबंदी की जाएगी, उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में धार्मिक स्थल घोषित किया गया था। इस निर्णय के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद दिया है।
सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान श्रीराम ने 11 वर्षों तक चित्रकूट में निवास किया था। इसलिए चित्रकूट और उससे जुड़े चिन्हित स्थानों को संरक्षित करने का कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा। इसी तरह भगवान श्रीकृष्ण के आगमन से जुड़े स्थानों को भी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के अनुसार संरक्षित और विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है।
यह हैं 17 धार्मिक क्षेत्र, जहां होगी शराबबंदी
1. उज्जैन
2. ओंकारेश्वर
3. महेश्वर
4. ओरछा
5. मैहर
6. सलकनपुर
7. जानापाव
8. दतिया
9. नलखेड़ा
10. मंदसौर
11. अमरकंटक
12. मंडला नर्मदा क्षेत्र
13. ताप्ती नदी का उद्गम
14. जबलपुर
15. चित्रकूट राम घाट
16. बरमान नर्मदाघाट
17. पन्ना जुगलकिशोर मंदिर
यह निर्णय धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। उम्मीद है
कि इस कदम से राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान और मजबूत होगी।