कुछ समय पहले ही भाजपा में आकर सुर्खियों में आए पू्र्व IAS अधिकारी वेदप्रकाश पर लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि नरसिंहपुर के पूर्व कलेक्टर रहे वेदप्रकाश ने इसी जिले में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार किया। जिसके चलते उन पर लोकायुक्त के संभागीय कार्यालय जबलपुर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (ग) के तहत प्राथमिक की दर्ज हुई है। मामला नियमों के विपरीत गलत तरीके से शस्त्र लाइसेंस जारी करने का था। जिसमें उनकी मुश्किलें आगे बढ़ सकती हैं। दिलचस्प बात ये है कि 21 अगस्त को ही वेदप्रकाश ने भाजपा की सदस्यता ली है। इस कार्यक्रम में नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय और सिंधिया जैसे नेताओं ने भ्रष्टाचार और भाजपा की अच्छी नीतियों का जमकर बखान किया था।
नरसिंहपुर के करेली निवासी आरटीआई कार्यकर्ता रमाकांत कौरव की शिकायत पर लोकायुक्त मुख्यालय भोपाल के निर्देश पर यह मामला दर्ज हुआ है।
आरटीआई एक्टिविस्ट रमाकांत कौरव ने मध्यप्रदेश लोकायुक्त को दिसम्बर 2021 में लिखित शिकायत की थी।
तथ्यों व प्रमाणों सहित की गई इस शिकायत में उल्लेख है वेद प्रकाश द्वारा बिहार के बेगूसराय निवासी एक परिचित रौनक कुमार पिता संजय सिंह को आवेदन के महज 20 दिनों के भीतर शस्त्र लायसेंस जारी किया गया। रमाकांत कौरव द्वारा आरटीआई के तहत जानकारी निकलवाई गई जिससे स्पष्ट हुआ कि रौनक कुमार ने 16 अगस्त 2021 को शस्त्र लायसेन्स के लिए आवेदन किया और कलेक्टर वेदप्रकाश द्वारा 5 सितंबर रविवार को छुट्टी के दिन ही लायसेंस जारी करने आदेश दे दिया।
वेद प्रकाश के द्वारा शस्त्र लाइसेंस जारी करने के लिए अगस्त 2021 में ही रौनक कुमार का नरसिंहपुर का मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड एवं ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया गया है। वेदप्रकाश का शनिवार 4 सितंबर 2021 को बतौर उप सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल स्थानांतरण हो गया था इसलिए रौनक कुमार का शस्त्र लायसेन्स जारी करने आनन फानन में 5 सितंबर 2021 रविवार को पुलिस एवं एसडीएम से रिपोर्ट मंगवाई गई।
थाना प्रभारी की नकारात्मक रिपोर्ट के बावजूद बिहार से पुलिस वेरिफिकेशन कराए बिना ही यह लायसेंस रविवार की छुट्टी दिन ही जारी किया गया। इसकी वजह थी कि यह दिन उनकी नरसिंहपुर में पदस्थापना के अंतिम दिन था और आरोप है कि उन्हें रौनक कुमार को शस्त्र लाइसेंस जारी करने का अपना वादा पूरा करना था। जिसके कारण तमाम नियमों को अनदेखा कर दिया गया।
शिकायत में आरोप है कि इसी तरह अनेक आपराधिक छवि के व्यक्तियों को पैसा लेकर शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए हैं। जारी किए गए शस्त्र लाइसेंसों में काफी गड़बड़ियां की गई हैं। रमाकांत कौरव द्वारा शिकायत में वेदप्रकाश की जबलपुर, भोपाल, इंदौर, जिला नागपुर, सिवनी, दिल्ली एवं बिहार में कई करोड़ो रुपयों की सम्पत्ति की जानकारी भी दी गई है। आरोप है कि यह संपत्तियां गलत तरीके से खरीदी गई हैं।
प्रमाणों सहित की गई इस शिकायत पर मध्यप्रदेश के लोकायुक्त द्वारा सूक्ष्मता से जांच कराई गई एवं तथ्यों व प्रमाणों की पुष्टि होने पर पुलिस महानिदेशक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त मध्यप्रदेश को लोकायुक्त म.प्र. ने अपराध दर्ज करने पत्र क्रमांक 6951 के माध्यम से निर्देशित किया गया है। जिस पर पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त द्वारा अधीक्षक कार्यालय लोकायुक्त सम्भाग जबलपुर को निर्देशित कर अपराध दर्ज कराया गया है। जिसकी जानकारी हाल ही में निकलकर सामने आई है जब बीते माह लोकायुक्त पुलिस जबलपुर द्वारा नरसिंहपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं कलेक्ट्रेट शस्त्र शाखा से मामले से सम्बंधित दस्तावेज लिए गए।
मिली जानकारी के अनुसार 7 दिसम्बर 2022 में यह अपराध क्रमांक 0255 से यह मामला दर्ज हुआ जिसकी विवेचना जारी है। ज्ञात हो कि वेदप्रकाश मध्यप्रदेश कैडर के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जो वर्तमान में सेवानिवृत्त हो गए हैं। जून 2020 से सितंबर 2021 तक करीब 15 महीने नरसिंहपुर कलेक्टर रहे हैं। नरसिंहपुर से स्थानांतरित होकर श्रम मंत्रालय में उपसचिव पद पर रहे जहां से सेवानिवृत्त हुए। वेदप्रकाश लंबे समय तक जबलपुर नगरनिगम कमिश्नर रहे हैं हाल में जबलपुर में ही निवासरत हैं।