
लोकप्रिय लोक गायिका नेहा सिंह राठौर एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। लखनऊ के हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मामला उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए एक पोस्ट से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणी की थी। पुलिस का कहना है कि इस पोस्ट से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने और राष्ट्रीय एकता को खतरा पैदा होने की आशंका थी।
आरोपों का सिलसिला और नेहा की सफाई
कवि अभय प्रताप सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज इस मामले में नेहा सिंह राठौर पर बीएनएस की धारा 152 सहित कुल 10 धाराओं में आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि नेहा की पोस्ट न सिर्फ सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकती थी, बल्कि भारत के खिलाफ विदेशी प्रचार को भी बल देती दिखी। पुलिस के अनुसार, नेहा की पोस्टें धर्म और जाति के आधार पर समुदायों में विभाजन को बढ़ावा देने वाली मानी गई हैं।
डीसीपी सेंट्रल आशीष श्रीवास्तव ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके ट्विटर हैंडल से सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने वाले कई ट्वीट सामने आए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है।
नेहा सिंह राठौर ने खुद भी एफआईआर दर्ज होने की जानकारी दी और सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा, “इतने बड़े लोकतंत्र में एक मामूली लड़की सवाल भी नहीं पूछ सकती?” नेहा ने आरोप लगाया कि सरकार असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उनके बैंक खाते में केवल 519 रुपये हैं और उनके पास वकील की फीस चुकाने तक के पैसे नहीं हैं।
इसके अलावा नेहा ने एक और पोस्ट में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी की एक तस्वीर साझा करते हुए सवाल उठाया कि “देशद्रोह” का पैमाना आखिर किसके लिए तय किया जाता है।
सियासी प्रतिक्रिया और बढ़ती बहस
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार सरकार में मंत्री जमा खान ने कहा कि “गलतबयानी पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन समाज में भाईचारा बनाए रखना भी बेहद जरूरी है।”
नेहा सिंह राठौर के खिलाफ दर्ज यह मामला एक बार फिर भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सोशल मीडिया की भूमिका और राजनीतिक असहमति के दायरे पर गहरी बहस को जन्म दे रहा है।