भोपाल। प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती जहां शराबबंदी की मांग कर रहीं हैं तो वहीं प्रदेश सरकार शराब उपलब्धता लगातार आसान बनाने के लिए योजनाएं बना रही है। इस बार प्रदेश सरकार ने एक नई योजना लागू की है। इस योजना के मुताबिक कोई भी नागरिक केवल पांच सौ रुपये देकर अपने घर में अहाता बना सकता है। ज़ाहिर है भाजपा में ही शराब बंदी को लेकर एक राय नहीं है और ऐसी स्थिति में कांग्रेस को दो तरफ़ा हमला करने का मौका मिल गया। एक ओर कांग्रेस प्रदेश में शराब बिक्री के लिए शिवराज सरकार को घेर रही है तो वहीं उमा भारती के विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री के इस फैसले पर भी तंज़ कस रही है। खास बात ये है कि इससे पहले भाजपा की ही उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह की सुविधा नागरिकों को दे चुकी है।
अलग-अलग फीस
प्रदेश के आबकारी विभाग ने शराब पिलाने के लिए लाइसेंस की एक नई श्रेणी के तहत नागरिकों को लाइसेंस देने की योजना तैयार कर ली है। इस श्रेणी में FL- 5 लाइसेंस दिया जाएगा। यह लाइसेंस घर के साथ ही मैरिज गार्डन, हॉल और रेस्टोरेंट के लिए भी उपलब्ध होगा। स्थान के हिसाब से इसका शुल्क बढ़ता रहेगा यानी जहां ज्यादा लोग एकत्रित होकर शराब पिएंगे और इस सुविधा का व्यवसायिक इस्तेमाल करेंगे उन स्थानों के लिए लाइसेंस की फीस अधिक होगी। जैसे शादी हॉल में शराब पीने के लिए पांच हजार रुपये और रेस्टोरेंट में शराब पिलाने के लिए दस हजार रुपये की फीस देनी होगी। हालांकि यह सभी लाइसेंस केवल एक दिन के लिए होंगे।
कोई नहीं ले सकेगा आपत्ति.
घर पर शराब पीने के लिए सरकार ने लाइसेंसे प्रक्रिया को भी आसान रखा है ताकि लोग आसानी से इसे भर सकें। इसके लिए पांच सौ रुपये की फीस के साथ एक छोटा सा फार्म भरकर देना होगा। इस फार्म में लाइसेंस चाहने वाले व्यक्ति को अपनी जानकारी और लाइसेंस हांसिल करने के लिए अपना उद्देश्य स्पष्ट करना होगा। इसके बाद लाइसेंस मिल जाएगा। ज़ाहिर है कि इस लाइसेंस को हासिल करने के बाद घर में शराब पीने पर पड़ोसी भी आपत्ति नहीं ले सकेंगे।
लाइसेंस लेना इसलिए ज़रूरी भी…
इसका एक दूसरा पहलू ये भी हो सकता है कि अब सरकार लोगों को इस लाइसेंस की सुविधा लेने के लिए भी कहेगी यानी सीधे तौर पर जो लोग बिना लाइसेंस के घर, होटल, शादीघर या रेस्टोरेंट (बिना लाइसेंस वाले) में शराब पीते हुए मिले उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है। ऐसे में समझना मुश्किल नहीं कि आने वाले दिनों में संभव है कि घर में शराब पीने पर नागरिकों को पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़े और इसी तरह से
कांग्रेस का रुख़…
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का बयान भी आया है। जिन्होंने कहा का है कि ‘नया साल आने वाला है। इस तरह का आदेश लोगों को नशे में डूबो देगा। सरकार युवाओं को नशे में धकेलना चाहती है। गोविंद सिंह ने सरकार पर सख्त रुख़ अपनाते हुए कहा कि यह योजना युवाओं के लिए ठीक नहीं है। शराब से सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान हैं। लेकिन शिवराज सरकार पूरे प्रदेश को नशे में डुबोने में जुटी हुई है।’
उमा भारती की अनदेखी.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को लेकर भी कांग्रेसी नेता सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर रहे हैं। सरकार के इस फैसले को एक तरह से उमाभारती को अनदेखा करना माना जा रहा है और इसमें कोई दोराय भी नहीं है क्योंकि उमाभारती काफी समय से प्रदेश में शराब बंदी की मांग करती रहीं हैं लेकिन सरकार ने उनकी एक मांग भी नहीं मानी है।