भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 से पहले आयकर छापों के बाद लेन-देन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करने का दबाव चुनाव आय़ोग द्वारा भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन शिवराज सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाती नजर नहीं आ रही है।
हालांकि, चुनाव आयोग की एक चिट्ठी आने के बाद से ही मप्र सरकार की सक्रियता बढ़ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्य सचिव ने चिट्ठी के साथ पूरे विषय की जानकारी दी।
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर कांग्रेस नेताओं व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को बचाने का आरोप लगाया है। इस ट्वीट में दुबे ने मुख्यमंत्री से एक्शन लेने की बात कही है।
काले धन पर चुनाव आयोग @ECISVEEP कार्यवाही के लिए 1 हफ्ते से बोल रहा है
भाजपा सरकार खामोश है
क्योकि कमलनाथ और टीम को बचाना है।मुख्यमंत्री जी एक्शन लीजिए ।
मध्यप्रदेश की जनता को भाजपा और कांग्रेस के मधुर रिश्तों पर नजर डालनी चाहिए @CMMadhyaPradesh @PMOIndia pic.twitter.com/19AzNCVPMf— ajay dubey (@Ajaydubey9) December 24, 2020
केंद्रीय चुनाव आय़ोग के उप चुनाव आय़ुक्त चंद्रभूषण कुमार ने मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस और गृह विभाग के अपर सचिव डॉ. राजेश राजौरा को 5 जनवरी को दिल्ली तलब किया है।
मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी में साफ कहा गया है कि केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड की जो रिपोर्ट भेजी गई है, उसी संबंध में बात होगी। मध्यप्रदेश सरकार को बताना होगा कि वह आगे क्या कार्रवाई करेगा।
बता दें कि चुनाव से पहले तत्कालीन कमलनाथ सरकार के करीबियों पर आयकर छापे से जुड़ी सीबीडीटी की रिपोर्ट और चुनाव आयोग की चिट्ठी मप्र सरकार को 16 दिसंबर को मिली थी। तब से लेकर अभी तक सात दिन हो गए हैं।
इस बीच सरकार ने आयकर विभाग की अप्रेजल रिपोर्ट का परीक्षण करने के साथ कानूनी राय ले ली है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि एकाध हफ्ते में कार्रवाई की रूपरेखा पर सहमति बन जाएगी।