नई दिल्ली। सिंघू बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। इधर आरएसएस से संबद्ध भारतीय किसान यूनियन कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। याचिका में कहा गया है कि कृषि कानून के मसले पर पुरानी याचिकाओं को सुना जाए। नए कानून देश के कृषि क्षेत्र को निजीकरण की ओर धकेलेंगे। नए किसानों को बिना किसी सही चर्चा के पास किया गया। कानून पास होने के बाद सरकार ने चर्चा की है, लेकिन सभी मुलाकातें बेनतीजा निकलीं।
Bhartiya Kisan Union approaches the Supreme Court against the three #FarmLaws passed by the Parliament, claiming the laws will make farmers “vulnerable to corporate greed.” pic.twitter.com/esoIjC3vfB
— ANI (@ANI) December 11, 2020
किसान नेता बूटा सिंह ने कह कि यदि सरकार किसानों की मांगे नहीं मानती तो वे रेल पटरियां अवरुद्ध कर देंगे। किसान संघों ने आज हुई अपनी बैठक के बाद कहा कि वे जल्दी ही देश भर में रेल की पटरियां अवरुद्ध करने की तारीख का ऐलान करेंगे। सिंघू बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत में किसान संघों ने कहा कि वे विरोध-प्रदर्शन को तेज करेंगे और राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाले सभी राजमार्गों को जाम करना शुरू करेंगे।
बूटा सिंह ने कहा कि पंजाब में टोल प्लाजा, मॉल, रिलायंस के पंप, भाजपा नेताओं के दफ्तर और घरों के आगे धरना अभी भी जारी है। इसके अलावा 14 तारीख को पंजाब के सभी DC ऑफिसों के बाहर धरने दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने 10 तारीख का अल्टीमेटम दिया हुआ था कि अगर PM ने हमारी बातों को नहीं सुना और कानूनों को रद्द नहीं किया तो सारे धरने रेलवे ट्रैक पर आ जाएंगे। आज की बैठक में ये फैसला हुआ कि अब रेलवे ट्रैक पर पूरे भारत के लोग जाएंगे। संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख की जल्द घोषणा करेगा।’
हमने 10 तारीख का अल्टीमेटम दिया हुआ था कि अगर PM ने हमारी बातों को नहीं सुना और कानूनों को रद्द नहीं किया तो सारे धरने रेलवे ट्रैक पर आ जाएंगे। आज की बैठक में ये फैसला हुआ कि अब रेलवे ट्रैक पर पूरे भारत के लोग जाएंगे। संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख की जल्द घोषणा करेगा: किसान नेता https://t.co/eS5CAjBDY4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने फिर कहा कि, सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा, सरकार कानून वापस ले और किसान अपने घर चला जाएगा। उन्होंने कहा कि, 14 तारीख को हर ज़िला मुख्यालय पर मीटिंग होगी। जो लोग यहां नहीं आ सकते वो वहां पर ज्ञापन देंगे और हमें भारत सरकार से मतलब है पिछली सरकारें और पुरानी सरकारें क्या करके गई उससे नहीं। अगर उन्होंने काम नहीं किया था तो वो चले गए। ये ठीक काम करेंगे तो ये रहेंगे।