किसान आंदोलनः MSP और कृषि कानून वापसी पर अड़े किसान, अब 8 जनवरी को होगी बैठक


करीब चार घंटे चली बैठक के बाद किसानों ने साफ-साफ कहा है कि हमने केंद्र के सामने कृषि कानूनों की वापसी की ही बात रखी थी। किसान नेता राकेश टिकैत बोले कि कानून वापसी नहीं होगी तो घर वापसी भी नहीं होगी। हालांकि, सरकार और किसान 8 जनवरी को दोबारा बातचीत करने पर राजी हो गए है। 


Manish Kumar Manish Kumar
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि बिलों की वापसी और अन्य मांगों के समर्थन में किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन 40वें दिन भी जारी है। इस बीच, सोमवार को राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता बिना किसी नतीजे के ही खत्म हो गई।

किसान जहां एमएसपी और कृषि कानूनों को वापस लेने पर अड़ गए हैं, वहीं सरकार उन्हें कृषि कानूनों पर बातचीत करने के लिए राजी करने पर तुली हुई है।

करीब चार घंटे चली बैठक के बाद किसानों ने साफ-साफ कहा है कि हमने केंद्र के सामने कृषि कानूनों की वापसी की ही बात रखी थी। किसान नेता राकेश टिकैत बोले कि कानून वापसी नहीं होगी तो घर वापसी भी नहीं होगी। हालांकि, सरकार और किसान 8 जनवरी को दोबारा बातचीत करने पर राजी हो गए है।

दूसरी तरफ, लगातार बैठकों के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकलने पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ताली तो दोनों हाथ से बजती है।

बैठक शुरू होते ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए बैठक में शामिल सभी पक्षों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सरकार ने किसानों से अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत करने को कहा, लेकिन किसानों ने एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर ही चर्चा की मांग की।

बता दें कि सोमवार को किसानों संग बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई थी कि आज की वार्ता में हल निकलेगा और किसानों की सभी बातों पर सरकार गौर करेगी।

वहीं सातवें दौर की वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कई मुद्दों पर चर्चा होनी है। सरकार को समझना चाहिए कि किसान इस आंदोलन को अपने दिल में ले गया है और कानूनों को निरस्त करने से कम नहीं समझेगा। सरकार को स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए और एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए।

 



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