मध्य प्रदेश में खरीफ पंजीयन 2024: सोयाबीन किसानों की एमएसपी मांगों पर राजनीतिक टकराव


मध्य प्रदेश में खरीफ पंजीयन 2024 के लिए 14 प्रमुख फसलों का पंजीकरण किया जा रहा है, जिनमें धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, नाइजर सीड, और कपास शामिल हैं। इन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सरकार द्वारा तय किया गया है, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके और उनकी उत्पादन लागत पूरी हो सके।


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मध्य प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए किसानों के लिए पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस वर्ष सरकार ने 14 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की है, जिसमें धान का एमएसपी 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ज्वार का 3371 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

 

सोयाबीन का एमएसपी 4,892 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, लेकिन कांग्रेस इस दर को लेकर असंतोष जता रही है। कांग्रेस नेता जीतु पटवारी और दिग्विजय सिंह ने ‘किसान न्याय यात्रा’ के माध्यम से किसानों के लिए 6,000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की मांग की है। इस यात्रा में किसानों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार पर किसान विरोधी नीतियों का आरोप लगाया।

 

केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्य सरकार की सोयाबीन खरीद पर एमएसपी लागू करने की मांग को मंजूरी दी है, लेकिन कांग्रेस ने इसे किसानों की मांगों के खिलाफ अपर्याप्त बताया है। पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसके शासन में भी किसानों को न्याय नहीं मिला था, और उनकी वर्तमान मांगें केवल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए हैं।

 

इस तरह, सोयाबीन एमएसपी को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है।

 


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