अहमदाबाद। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का 92 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे बीते कई दिनों से अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती थे।
केशुभाई 30 सितंबर को ही सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के दोबारा अध्यक्ष चुने गए थे। केशुभाई पटेल दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे। हालांकि, राजनीतिक तख्तापलट के कारण केशुभाई दोनों बार मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
Keshubhai Patel, Former Chief Minister of Gujarat, passes away at the age of 92. He was admitted at a hospital in Ahmedabad. (File pic) pic.twitter.com/RZu4cMmLDp
— ANI (@ANI) October 29, 2020
2001 में उनकी जगह नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मोदी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु भी मानते हैं। प्रधानमंत्री बनने पर उन्होंने कहा भी था कि सूबे की असल कमान केशुभाई के हाथ में ही है। वे भाजपा का रथ हांकने वाले सारथी हैं।
1960 के दशक में केशुभाई पटेल ने जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत की थी। वह इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। 1975 में, जनसंघ-कांग्रेस (ओ) गठबंधन गुजरात में सत्ता में आई।
आपातकाल के बाद 1977 में केशुभाई पटेल राजकोट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और बाबूभाई पटेल की जनता मोर्चा सरकार में 1978 से 1980 तक कृषि मंत्री रहे।
1979 में मच्छू बांध दुर्घटना, जिसने मोरबी को तबाह कर दिया था, के बाद उन्हें राहत कार्य में शामिल किया गया था। केशुभाई पटेल 1978 और 1995 के बीच कलावाड़, गोंडल और विशावादार से विधानसभा चुनाव जीते।
1980 में, जब जनसंघ पार्टी को भंग कर दिया गया तो वे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ आयोजक बने। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खिलाफ चुनाव अभियान का आयोजन किया और उनके नेतृत्व में 1995 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी।