वाम शासित केरल में अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलने वाला अध्यादेश राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री पिनारई विजयन द्वारा तैयार केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश को विपक्षी पार्टियों के कड़े विरोध के बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंजूरी दे दी थी । वहीं मुख्यमंत्री पिनारई ने इस अध्यादेश का बचाव करते हुए कहा था कि,”किसी को भी अपनी मुट्ठी को उठाने की आजादी है लेकिन ये वहीं खत्म हो जाती है जैसे ही दूसरे की नाक शुरू हो जाती है।” इसके बाद पिनारई सरकार चौतरफा आलोचना में घिर गये थे और बीजेपी और आरएसपी ने इस कानून के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दिया था। वहीं सीपीआईएमएल और कांग्रेस ने भी केरल सरकार की इस जनविरोधी कानून का विरोध किया था। इन विरोध और आलोचनाओं के बाद पिनारई विजयन सरकार ने इस कानून पर रोक लगा दिया है।
[Breaking] Controversial Section 118A of Kerala Police Act Will Not Be Implemented: @CMOKerala @vijayanpinarayi
— Live Law (@LiveLawIndia) November 23, 2020
मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने कहा कि, इस कानून की घोषणा के बाद से अलग-अलग क्षेत्र से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आने लगी थी और यहाँ तक कि जो एलडीएफ के समर्थक और मानवाधिकार की रक्षा करने वालों ने इस पर चिंता व्यक्त की। उसके बाद इस कानून को लागू नहीं किया जा सकता।
With the announcement of the amendment, different views arose from different quarters. Concerns were expressed by those who supported LDF & those who stood for protection of democracy. In this situation, it's not intended to amend the law: Kerala CM on Kerala Police Act Amendment pic.twitter.com/fTM28nYEJm
— ANI (@ANI) November 23, 2020
दरअसल, राज्य मंत्रिमंडल द्वारा 21 अक्टूबर को केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश में धारा 118-ए जोड़कर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के पास 21 नवंबर को हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था। इसने अब सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की दोषपूर्ण धारा 66 ए की जगह ली है, जिसके अंतर्गत ऑनलाइन की गई अपमानजनक ‘टिप्पणी’ एक दंडनीय अपराध मानी जाती है।
इस संशोधन के अनुसार, जो कोई भी सोशल मीडिया के माध्यम से किसी पर धौंस दिखाने, अपमानित करने या बदनाम करने के इरादे से कोई पोस्ट डालता है तो उसे 5 साल तक कैद या 10000 रुपये तक के जुर्माने या फिर दोनों सजा हो सकती है।
इस कानून के तहत पुलिस को बिना वारंट बिना कारण बताये किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार होगा। इस अध्यादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। यूडीएफ ने इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन मार्च किया।
UDF protest march towards secretariat demanding withdrawal of new police amendment that abolishes freedom of expression #Congress #Kerala #KeralaPoliceActAmendment pic.twitter.com/YSt3p4pLIs
— Harish M (@chnmharish) November 23, 2020
केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने इस अध्यादेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं आरएसपी के नेता और पूर्व श्रम मंत्री शिबू बेबी ने भी इस अध्यादेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका 2 – शिबू बेबी जॉन ने केरल पुलिस (संशोधन) अध्यादेश के खिलाफ याचिका दायर की।#Section118A #KeralaPoliceActAmendment #KeralaPoliceActAmendment @shibu_babyjohn pic.twitter.com/kueex2Bg0H
— बार & बेंच – Hindi Bar & Bench (@Hbarandbench) November 23, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी इस कानून पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा है कि वो केरल सरकार के इस नियम से आश्चर्य में हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ”केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर तथाकथित भड़काऊ आपत्तिजनक पोस्ट करने के कारण पांच साल की सजा के नियम से आश्चर्य में हूं।”
मेरे मित्र @SitaramYechury ,महासचिव , सीपीआई (एम), इन अत्याचारी निर्णयों का बचाव कैसे करेंगे?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 22, 2020
सीपीएम की ओर से कहा गया कि सभी विकल्पों और सलाहों पर विचार किया जायेगा, पर इस कानून को वापस लेने पर कुछ नहीं कहा गया है।
The LDF Govt in Kerala will certainly consider all creative opinions and suggestions that are being aired with regard to this amendment.#KeralaPoliceActAmendment #118A
— CPI (M) (@cpimspeak) November 22, 2020
सीपीआई(एमएल) ने इस कानून का विरोध किया था। सीपीआई-एमएल की पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने इसे केरल सरकार के इस कदम को शर्मनाक करार दिया था।
Seriously @vijayanpinarayi?! @cpimspeak is opposed to draconian laws in India, defends free speech. Please don't shame the Left by having a CPIM Govt enact a draconian law. https://t.co/Dh0CwYdgVT
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) November 22, 2020