भोपाल/इंदौर। बीते एक हफ्ते से मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को उस समय खत्म हो गई, जब भोपाल में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात में उनकी कुछ मांगों को मान लिये जाने का आश्वासन मिला।
प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर सोमवार सुबह से ही अपने-अपने काम पर लौट आए। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की प्रवक्ता डॉ. कीर्ति सिन्हा के मुताबिक, सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की मांगों को माना है। यही वजह है कि जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर अस्पताल में काम शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, सरकार ने स्टायपेंड में 17 प्रतिशत इंक्रीमेंट एक अप्रैल से दिए जाने पर सहमति दी है। इसक अलावा कोविड ड्यूटी करने वाले जूनियर डॉक्टरों को सरकारी नौकरियों में 10 अंक अतिरिक्त दिए जाने पर भी सहमति दी।
एमबीबीएस थर्ड ईयर के विद्यार्थियों ने कोर्स समय के अतिरिक्त जो कार्य किया है उसे सीनियर रेसीडेंस (एसआर शिप) में गिना जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में बांड के तहत एक साल काम करने की छूट और कोविड इंसेटिव देने पर राज्य शासन द्वारा एक समिति बनाई जाएगी, इसमें जूनियर डॉक्टर के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
इसके अलावा जूनियर डॉक्टरों और उनके रिश्तेदारों के लिए अस्पतालों में बेड आरक्षित किए जाने और अस्पताल परिसर में डॉक्टरों की सुरक्षा तथा जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ की गई सारी कानूनी कार्रवाई वापस लेने जैसे मुद्दों पर भी सरकार की ओर से सहमति जताई गई है।