प्रेग्नेंसी टेस्ट के बाद अब सामूहिक विवाह में वितरित किए कंडोम और गर्भ निरोधक गोलियां


इससे पहले डिंडौरी में विवाह से पहले गर्भ परीक्षण करवाया गया था।


DeshGaon
बड़ी बात Updated On :

इंदौर। मुख्यमंत्री कन्याविवाह योजना में एक बार फिर अफसरों के चलते विवाद पैदा हो गया है। इस बार झाबुआ जिले के थांदला गांव में  यह आयोजन हो रहा था। जहां 296 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। इस दौरान  समारोह में दुल्हन के मेकअप बॉक्स में गर्भ निरोधक गोलियों के साथ कंडोम के पैकेट भी दे दिए गए। इसे लेकर थांदला के कुछ नागरिकों ने जनसुनवाई में शिकायत की है।

इसी साल अप्रैल के महीने में डिंडौरी जिले में सामुहिक विवाह समारोह से पहले महिलाओं का गर्भ परिक्षण करवाया था। जिसके बाद खासा हंगामा हुआ। इस बार गलती मेडिकल अफसरों की बताई गई थी वहीं अब दुल्हनों के दिए गए मेकअप बॉक्स में गर्भ निरोधक गोलियां और कंडोम रखकर दिए गए।

इन्हें देखकर लोग चौंक गए और फिर इसकी शिकायत भी अधिकारियों से की गई। हालांकि इस बार अधिकारियों ने कहा कि यह योजना के तहत किया गया है।  सीएसएमओ डॉ. जीएस ठाकुर ने बताया कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम में नई पहल योजना के तहत कंडोम व गर्भरोधक गोलियां देने की योजना है। इसी के तहत थांदला के कार्यक्रम में यह वितरण किया गया था।

लोगों के लिए यह आयोजन किसी भी लिहाज से आसान नहीं था।  सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़कर सभी जोड़ों को आर्शीवाद दिया। हालांकि इस कार्यक्रम में जमकर अव्यवस्थाएं रहीं। शुरुआत में लोगों को कड़ी धूप में बैठना पड़ा और बाद में तूफान आ गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत होने वाले सामूहिक विवाह के लिए विभिन्न काम के ठेके दिए गए थे। इनमें वर-वधू माला 70 रुपये, अन्य फूलों की माला 31 रुपये, हवन वेदी 200 रुपये, हवन सामग्री 231 रुपये, पूजा के फूल 40 रुपये, लाइट जनरेटर सहित 26 हजार रुपये, साउंड सिस्टम 34 हजार रुपये, वीडियोग्राफी 1490 प्रति घंटा, फोटोग्राफी 17.90 प्रति कॉपी, 6780 भोजन पैकेट प्रति 38 रुपये, अतिथियों के लिए 200 वीआइपी भोजन पैकेट प्रति 95 रुपये, 100 पानी बॉटल प्रति 10 रुपये, पांच हजार पानी के पाउच प्रति तीन रुपये की दर स्वीकृत की गई। वहीं टेंट व प्रिंटिंग के लिए निविदा आमंत्रित ही नहीं की गई।

लोगों ने बताया कि ठेकेदारों ने मन मुताबिक काम किया और जमकर मुनाफा काटा। इस दौरान भोजन की क्वालिटी भी अच्छी नहीं थी। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इसकी शिकायत विवाह स्थल पर ही वर-वधू पक्षों के साथ पत्रकारों ने सीईओ व एसडीएम से की तो उन्होंनें कहा गुणवत्ता व आपूर्ति के हिसाब से पैसे काट कर उन्हें भुगतान किया जाएगा, लेकिन अधिकारी कोई ठोस जिम्मेदारी लेने से बचते रहे।

 


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