जेटपैक सूट की मदद से अब हवा में उड़ान भरेंगे भारतीय सैनिक, सेना ने किया 48 यूनिट खरीद का फैसला


हाल ही में भारतीय सेना के आगरा स्थित एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल (AATS) में इस सूट का प्रदर्शन किया गया। सेना ने विशेष परिस्थितियों में सीमा पर तैनाती के लिए 48 जेटपैक सूट खरीदने का फैसला किया है।


DeshGaon
बड़ी बात Published On :
jetpack soldier

नई दिल्ली। देश के जवानों को पैराशूट और फाइटर जेट से हवाई करतब करते हुए खूब देखा होगा, लेकिन अब ये जवान हवा में उड़ते नजर आएंगे। इसके लिए भारतीय सेना ने एक ब्रिटिश कंपनी के जेटपैक सूट का परीक्षण शुरू कर दिया है।

हाल ही में भारतीय सेना के आगरा स्थित एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल (AATS) में इस सूट का प्रदर्शन किया गया। सेना ने विशेष परिस्थितियों में सीमा पर तैनाती के लिए 48 जेटपैक सूट खरीदने का फैसला किया है।

सेना को जेटपैक सूट मिलने के बाद भारतीय सैनिक सीमावर्ती और दुर्गम क्षेत्रों में एक जगह से उड़कर दूसरी जगह जा सकेंगे। साथ हीअंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में सामरिक मजबूती भी मिलेगी।

सेना खरीदेगी 48 जेटपैक सूट –

भारतीय सेना ने अपनी सूची में हाईटेक उपकरण शामिल करने के लिए 48 जेटपैक सूट खरीदने के लिए 24 जनवरी को निविदा जारी की थी। यह खरीद आपातकालीन प्रावधानों और फास्ट-ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत की जानी है।

ब्रिटिश कंपनी ग्रेविटी इंडस्ट्रीज कंपनी ने जेटपैक सूट विकसित किये हैं, जिनका परीक्षण सेना के आगरा स्थित एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल (एएटीएस) में किया गया है।

जेटपैक सूट का परीक्षण ऐसे समय में हो रहा है, जब भारतीय सेना मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ लगभग 3,500 किमी. लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अपने निगरानी तंत्र को बढ़ा रही है।

‘मेक इन इंडिया’’ प्रावधानों के तहत होगी सेना को आपूर्ति –

आगरा के एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल में ब्रिटिश कंपनी ग्रेविटी इंडस्ट्रीज के संस्थापक रिचर्ड ब्राउनिंग ने अपनी कंपनी के जेटपैक सिस्टम का प्रदर्शन किया है। परीक्षण वीडियो में ब्राउनिंग को जेटपैक सूट पहनकर हवा में आसानी से नेविगेट करते हुए देखा जा सकता है।

निविदा के मुताबिक जेटपैक सूट बनाने वाली कंपनी को कम से कम दस साल के लिए इनका रखरखाव प्रबंधन भी करना होगा। सैन्य अधिकारियों के अनुसार यह उत्पाद ”मेक इन इंडिया” प्रावधानों के तहत सेना को आपूर्ति किये जाएंगे।

कैसा होगा सेना का जैकपैक सूट –

सेना ने निविदा में निर्दिष्ट किया है कि जैकपैक सूट को सुरक्षित चढ़ाई, सुरक्षित टेक-ऑफ और लैंडिंग और सभी दिशाओं में अटैक करने में सक्षम होना चाहिए।

इसकी अधिकतम गति 50 किमी. प्रति घंटा तथा तकनीकी रूप से 12 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने में सक्षम होना चाहिए। साथ ही 80 किग्रा. भार के साथ न्यूनतम 8 मिनट की उड़ान का समय होना चाहिए।

प्रत्येक जेटपैक की शेल्फ लाइफ 10 साल होनी चाहिए। पूरे सिस्टम का कुल वजन (मानव को छोड़कर) 40 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बाद भारत तीसरा देश बन जाएगा, जिसके पास जेटपैक सैनिक होंगे।


Related





Exit mobile version