नई दिल्ली। भारतीय रेलवे रोज नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। साथ ही भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेलवे बनने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।
इसी कड़ी में हाल ही में उत्तर प्रदेश में विद्युतीकरण पूरा होने के बाद, भारतीय रेलवे ने एक और उपलब्धि हासिल की है। भारतीय रेलवे ने उत्तराखंड का विद्युतीकरण भी पूरा कर लिया है।
उत्तराखंड का मौजूदा ब्रॉड गेज नेटवर्क 347 किलोमीटर का है। जो अब 100% विद्युतीकृत हो गया है। डीजल ट्रैक्शन की तुलना में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन बहुत सस्ता और कुशल होता है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलने वाली ट्रेनें डीज़ल की तुलना में 50 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं।
उत्तराखंड ब्रॉड गेज नेटवर्क 100% विद्युतीकृत होने से जहां एक ओर पर्यावरण को फायदा होगा वहीं दूसरी ओर लाइन हॉल लागत (लगभग 2.5 गुना कम) में भी कमी आएगी और ढुलाई क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही रेलवे की आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम होगी और विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
Indian Railways is marching ahead swiftly on its Mission of 100% Electrification
It is working in mission mode to become the largest Green Railway in the world and a “net zero carbon emitter” before 2030.
Details: https://t.co/h1FcOTfMDr @RailMinIndia
— PIB India (@PIB_India) March 13, 2023
उत्तराखंड उत्तर और उत्तर पूर्व रेलवे के अंतर्गत आता है –
उत्तराखंड राज्य का क्षेत्र उत्तर और उत्तर पूर्व रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, काठगोदाम, टनकपुर उत्तराखंड के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।
उत्तराखंड के कुछ स्टेशन का धार्मिक महत्व है तो कुछ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री, हेमकुंड साहिब, मसूरी, नैनीताल, जिम कार्बेट और हरिद्वार ऐसे ही कुछ स्टेशन हैं।
काठगोदाम रेलवे स्टेशन एक महत्वपूर्ण स्टेशन है जहां पर लगभग 7 लाख यात्रियों का वार्षिक आगमन होता है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। इस स्टेशन पर पहली ट्रेन 24 अप्रैल 1884 को पहुंची।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा –
उत्तराखंड के ब्रॉड गेज नेटवर्क का विद्युतीकरण होने से कई ट्रेनों को लाभ होगा। नंदा देवी, हरिद्वार एक्सप्रेस, मसूरी एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, कुमाऊं एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस उत्तराखंड राज्य की कुछ प्रतिष्ठित ट्रेनें हैं।
ये ट्रेनें राज्य के विभिन्न हिस्सों और भारत के अन्य प्रमुख शहरों से सुविधाजनक कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं। जिससे राज्य को पर्यटन व्यवसाय में बहुत मदद मिलती है। बेहतर कनेक्टिविटी होगी तो पर्यटक ज्यादा आएंगे जिससे राज्य के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
जल्द ही चार धाम तीर्थ यात्रा मार्ग भी रेलवे सर्किट पर होगा –
उत्तराखंड में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक एक नई लाइन का काम निर्माणाधीन है। ये भारतीय रेलवे की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि होगी जिससे चार धाम तीर्थ यात्रा मार्ग भारतीय रेलवे के सर्किट पर आ जाएगा। रेलवे की 100% विद्युतीकृत नेटवर्क की नीति के अनुरूप इस मार्ग को विद्युतीकरण के साथ मंजूरी दी गई है।
इससे पहले यूपी में रेल रूट पूरा विद्युतीकृत हुआ –
उत्तराखंड से पहले पिछले महीने यूपी में रेल रूट पूरा विद्युतीकृत हो गया था। गोरखपुर स्थित उत्तर पूर्व रेलवे में लगभग 85 किलोमीटर सुभागपुर-पछपेरवा ब्रॉड गेज (बीजी) मार्ग के विद्युतीकरण के पूरा होने के साथ, भारतीय रेलवे ने उत्तर प्रदेश में सभी व्यस्त मार्गों का विद्युतीकरण पूरा कर लिया था।
रेल मंत्रालय का 2030 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य –
भारतीय रेल मिशन 100 फीसदी विद्युतीकरण को पूरा करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है। रेल मंत्रालय ने 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के साथ अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का लक्ष्य रखा है।
रेलवे 2030 से पहले “शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जक” बनने के लिए भारतीय रेल की अन्य रणनीतियों में अपने मार्गों के विद्युतीकरण करना, डीजल से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन में बदलना, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना, समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण और रेलवे प्रतिष्ठानों का हरित प्रमाणीकरण आदि शामिल है।
रेलवे विद्युतीकरण की गति पर्यावरण के अनुकूल है और प्रदूषण को भी कम करती है, 2014 के बाद से 9 गुना गति से बढ़ी है। इसी दिशा में रेलवे ने ब्रॉड गेज मार्गों के विद्युतीकरण की योजना बनाई है, जिससे डीजल कर्षण को समाप्त करने में मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप इसके कार्बन फुटप्रिंट और पर्यावरण प्रदूषण में महत्वपूर्ण कमी आएगी।