नई दिल्ली। 16 अप्रैल, 1853 को जब भारत में पहली रेल बम्बई (मुम्बई) से थाणे के बीच चली थी। तब से लेकर अब तक भारतीय रेलवे ने बहुत तेजी से प्रगति की है।
इस समय भारतीय रेलवे एशिया की सबसे बड़ी रेल-प्रणाली है। हाल ही में भारतीय रेल ने उत्तर प्रदेश में पूरे ब्रॉड गेज नेटवर्क का विद्युतीकरण करके एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
यूपी में रेल रूट का पूरी तरह से विद्युतीकरण हुआ –
देश के पूरे रेल नेटवर्क को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलाने और डीजल-आधारित ट्रेनों को बंद करने के अपने मिशन में, भारतीय रेलवे ने उत्तर प्रदेश में पूरे ब्रॉड गेज नेटवर्क का विद्युतीकरण करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पूरा किया है।
गोरखपुर स्थित उत्तर पूर्व रेलवे में लगभग 85 किलोमीटर सुभागपुर-पछपेरवा ब्रॉड गेज (बीजी) मार्ग के विद्युतीकरण के पूरा होने के साथ, भारतीय रेलवे ने उत्तर प्रदेश में सभी व्यस्त मार्गों का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है।
Racing towards #Mission100PercentElectrification, Indian Railways ushers in a new dawn with 100% electrification of the broad gauge rail network in Uttar Pradesh! pic.twitter.com/0PW4PyRnnU
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) February 22, 2023
पीएम मोदी ने भी दी बधाई –
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में ब्रॉड गेज रेल नेटवर्क के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण पर खुशी जाहिर की। इस उल्लेखनीय उपलब्धि को हासिल करने के लिए पीएम मोदी ने भारतीय रेल की सराहना की है।
उत्तर प्रदेश में ब्रॉड गेज रेल नेटवर्क के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के बारे में रेल मंत्रालय के एक ट्वीट के जवाब में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर “बहुत बढ़िया” लिखा।
Very good! https://t.co/CikE3cyPWc
— Narendra Modi (@narendramodi) February 22, 2023
अब रेलवे के छह जोन पूर्ण रूप से विद्युतीकृत –
उत्तर पूर्व रेलवे के सुभागपुर-पछपेरवा रेल सेक्शन पर विद्युतीकरण का काम पूरा होने के साथ ही भारतीय रेल के अब 6 रेल जोन का पूरी तरह से विद्युतीकरण हो चुका है। इनमें सबसे नया जोन उत्तर पूर्व रेलवे है, जो इस लिस्ट में शामिल हुआ है।
पूरी तरह से इलेक्ट्रिफाई होने वाले रेल जोन में उत्तर पूर्व रेलवे के अलावा पूर्वी तटीय रेलवे (ईस्ट कोस्ट रेलवे), उत्तर मध्य रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, अत्यधिक उपयोग में आने वाला नेटवर्क (एचयूएन -5), झांसी-मुजफ्फरपुर-कटनी अब पूर्ण रूप से विद्युतीकृत हो गया है।
दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन रेल नेटवर्क बना भारतीय रेल –
कुल रूट किलोमीटर (आरकेएम) के 85 प्रतिशत हिस्से के विद्युतीकरण के साथ, भारतीय रेल मिशन 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को पूरा करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है। भारतीय रेल दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे नेटवर्क बन गया है।
30 सितंबर 2022 तक भारतीय रेल में 65,141 बीजी आरकेएम में से 53,098 बीजी आरकेएम का विद्युतीकरण के साथ 81.51 प्रतिशत था जो फरवरी में बढ़कर 85 प्रतिशत विद्युतीकृत हो गया है।
अमृतकाल के बजट 2023-24 से प्रगति के पथ पर अग्रसर भारतीय रेल को मिलेगी नई गति।#AmritKaalBudget pic.twitter.com/7OgFhOCwXT
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) February 21, 2023
अब समय की भी होगी बचत –
भारतीय रेल का विद्युतीकरण होने से ट्रेनों की रफ्तार अब बढ़ जाएगी। सुभागपुर-पछपेरवा रेल सेक्शन अब पूर्ण रूप से विद्युतीकृत हो गया है।
इससे झांसी-लखनऊ-बाराबंकी-बुढ़वल, गोंडा-आनंदनगर-गोरखपुर-वाल्मीकिनगर-सुगौली, मुजफ्फरपुर-बछवाड़ा और नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा-समस्तीपुर, सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर-हाजीपुर समेत भटनी-वाराणसी-नैनी (इलाहाबाद)-मानिकपुर-सतना-कटनी और छपरा-वाराणसी के बीच कनेक्टिविटी तो बेहतर होगी ही साथ ही ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ जाएगी।
इस रूट पर रेलवे ट्रैक के सौ प्रतिशत विद्युतीकरण होने से डीजल इंजन से विद्युतीकृत इंजन और विद्युतीकृत इंजन से डीजल इंजन बदलने में लगने वाले समय की भी बचत होगी।
रेल मंत्रालय का 2030 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य –
भारतीय रेल मिशन 100 फीसदी विद्युतीकरण को पूरा करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है। रेल मंत्रालय ने 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के साथ अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का लक्ष्य रखा है।
शुद्ध-शून्य उत्सर्जक के लिए भारतीय रेल की अन्य रणनीतियों में अपने मार्गों के विद्युतीकरण का बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाना, डीजल से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन में बदलना, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना, समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण और रेलवे प्रतिष्ठानों का हरित प्रमाणीकरण आदि शामिल हैं।
इस तरह से उत्तर प्रदेश ब्रॉड गेज (बीजी) लाइन शत प्रतिशत विद्युतीकृत होने के साथ कुल रूट किमी के 85 फीसदी हिस्से के विद्युतीकरण करने की उपलब्धि हासिल की है।
The Indian Railways is on track to achieve its #NetZeroCarbon Emission target by
2030 as it has reached a major milestone! @RailMinIndia pic.twitter.com/f6w9Z34i1p— DD News (@DDNewslive) February 22, 2023
भारत में चलेंगी ‘हाइड्रोजन ट्रेन’ –
देश के ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे हाइड्रोजन ट्रेन चलाने जा रहा है। रेलवे ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि अब भारत में ‘हाइड्रोजन ट्रेन’ चलेंगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे दिसंबर 2023 तक अपने नैरो गेज विरासत मार्गों पर हाइड्रोजन ट्रेनें चलाएगा। हाइड्रोजन ट्रेन पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित होगी। पहले यह कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलेगी और बाद में अन्य स्थानों पर इसका विस्तार किया जाएगा।
रेलवे बजट में भी बढ़ोतरी –
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन रहा है। 2023-24 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 रहने का अनुमान है जो दुनिया के किसी भी विकसित देश से ज्यादा है। संभवत: इसमें रेलवे की भी बड़ी भूमिका रहने वाली है।
इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के आम बजट में भारतीय रेलवे का कायापलट करने के लिए 2.41 लाख करोड़ रुपये की बड़ी राशि दिए जाने की घोषणा की।
यह 2013-14 में रेलवे को प्रदान किए गए परिव्यय का नौ गुना है। बजट में इजाफा होने से भारतीय रेलवे के विकास की रफ्तार अब और अधिक बढ़ने वाली है।