नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश में तटीय समुदाय के लोगों विशेषकर समुद्री मछुआरों के जीवन की गुणवत्ता और आर्थिक कल्याण में सुधार लाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है और विश्व का आठ प्रतिशत मछली उत्पादन भारत में होता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत के बाद से देश में मछली उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।
देश में 2021-22 में मछली उत्पादन 162 लाख टन से अधिक रहा जो 2019-20 में लगभग 141 लाख टन था। इसी अवधि में मूल्य की दृष्टि से मछली का निर्यात 46 हजार 662 करोड़ रुपये बढ़कर 57 हजार 586 करोड़ रुपये हो गया।
मत्स्य पालन स्थायी आजीविका प्रदान करने में सक्षम –
जैसा कि भारत विभिन्न मोर्चों पर आगे बढ़ता है और विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है, भारतीय मत्स्य क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
भारत पहले ही तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक, दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि उत्पादक और मछली और मत्स्य उत्पादन का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है।
इसने वित्त वर्ष 2021-22 में 10.34% की दो अंकों की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है और निकट भविष्य में और अधिक वृद्धि के साथ 162.48 लाख टन के रिकॉर्ड मछली उत्पादन तक पहुंच गया है।
यह क्षेत्र 2.8 करोड़ से अधिक लोगों को स्थायी आजीविका प्रदान करता है जो ज्यादातर हाशिए पर और कमजोर समुदायों के भीतर हैं और गरीबों और दलितों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में स्थायी सुधार लाने में सहायक रहे हैं।
बजट में विशेष प्रावधान –
2022-23 के दौरान मत्स्य पालन विभाग के लिए 1624.18 करोड़ रुपये और 2021-22 के दौरान 1360 करोड़ रुपये के मुकाबले 2248.77 करोड़ रुपये की राशि दी गई है।
यह वित्त वर्ष 2022-23 के बजट की तुलना में 38.45% की समग्र वृद्धि को दर्शाता है और यह विभाग के लिए अब तक के सबसे अधिक वार्षिक बजटीय सहयोग में से एक है।
इसके अलावा PMMSY योजना के तहत मत्स्य पालन के लिए 6,000 करोड़ रुपये का लक्षित निवेश है, जिसका उद्देश्य मछुआरे, मछली विक्रेता और मत्स्य क्षेत्र में लगे सूक्ष्म और लघु उद्यमी की आय को और बढ़ाना है।
केंद्र सरकार के प्रयास –
केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के अलावा समुद्री अर्थव्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दे रही हैं। ऐसे में तटीय इकोसिस्टम के संरक्षण और समृद्धि के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।
पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई नीली क्रांति, आर्थिक क्रांति की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रही है और लाखों लोगों के लिए रोजगार, उत्पादन और निर्यात का जरिया बन रही है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार मछली पालन के काम में लगे लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड भी दे रही है ताकि पूंजी की कमी से किसी भी तरह का व्यवधान पैदा न हो।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने पहली बार आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत लक्षित मत्स्य उत्पादन प्राप्त करने के लिए उद्यमियों द्वारा स्टार्टअप को बढ़ावा देना शुरू किया है।